छत्तीसगढ़ वाटरशेड परियोजना से छोटे किसानों की आय बेहतर करने का दावा

नयी दिल्ली
 पारिस्थितिकी से जुड़े काम करने से होने वाले आर्थिक लाभ को ध्यान में रखते हुए प्रदान ने छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर राज्य में एक वाटरशेड परियोजना शुरू की है।    प्रदान, लाभ कमाने के लिए काम नहीं करने वाली एक गैर-सरकारी संस्था है। इस वाटरशेड परियोजना के माध्यम से उसकी योजना राज्य के एक लाख से अधिक छोटे और सीमांत किसानों की आय बेहतर करना है। इसमें से करीब 40 प्रतिशत किसान अनुसूचित जनजाति से आते हैं। वाटरशेड परियोजना में कई सारी धाराओं के पानी को भूमि में एक जगह लाकर इकट्ठा किया जाता है। इसके लिए गड्ढे इत्यादि बनाए जाते हैं जहां पानी जमा होता है। इस परियोजना का मुख्य मकसद भूजल के स्तर को बढ़ाना होता है।
    
प्रदान के अनुसार इस परियोजना से राज्य के 76 प्रतिशत परिवारों को जहां सालभर की खाद्य सुरक्षा मिलेगी। वहीं उनकी सालाना आय में 15,000 से 25,000 तक की वृद्धि होगी।    इस परियोजना के तहत 13 नागरिक संगठनों का एक समूह राज्य के 12 जिलों के 26 ब्लॉकों में भूमि और जल संचय की बेहतरी के काम को अंजाम देगा। इससे 3,50,000 हेक्टेयर भूमि की उपजाऊ क्षमता बढ़ेगी।    इस परियोजना को छत्तीसगढ़ सरकार के अलावा भारत ग्रामीण आजीविका फाउंडेशन और एक्सिस बैंक फाउंडेशन के साथ मिलकर शुरू किया गया है।

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