बीजेपी के इस गढ़ में कांग्रेस को जीत का भरोसा: प्रमोद दुबे

रायपुर 
छत्तीसगढ़ की सबसे हाई प्रोफाइल सीटों में से एक रायपुर है. रायपुर से कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही शहर सरकार के प्रमु​खों पर भरोसा जताया है. कांग्रेस ने रायपुर नगर निगम के महापौर प्रमोद दुबे को प्रत्याशी बनाया है. प्रमोद का सीधा मुकाबला नगर निगम रायपुर के पूर्व महापौर और बीजेपी प्रत्याशी सुनील सोनी से है. बीजेपी के कब्जे में लंबे समय से रही रायपुर सीट पर इस बार कांग्रेस को प्रमोद दुबे को जीत का भरोसा है.

रायपुर संसदीय क्षेत्र से बीजेपी के रमेश बैस पिछले 6 लोकसभा चुनावों में लगातार जीतते आए हैं. इस बार वे मैदान में नहीं हैं. कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद दुबे ने अपना राजनीतिक करियर 1985-1986 में छत्तीसगढ़ कॉलेज छात्र संघ चुनाव से शुरू किया. इस चुनाव को जीतकर वो छात्र संघ के उपाध्यक्ष बने. 1986-1987 में राज्य स्तरीय छात्र संघ का चुनाव जीतकर पंडित रविशंकर यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष बने.

इसी कार्यकाल में इंदिरा गांधी कृषि विश्विद्यालय को जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर से अलग कर स्वायत्त बनाया गया. इसमें प्रमोद दुबे की भूमिका सराहनी बतायी जाती है. 1997 से 2000 के दौरान प्रमोद दुबे शहरी एवं ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष थे. जिसमें उन्होंने लातूर भूंपक प्रबंधन के लिए बेहतर काम किया था.

साल 2001 में प्रमोद दुबे को छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया. 2004 से 2009 तक वह ब्राह्मण पारा वार्ड के पार्षद के रूप में चुने गए. इस दौरान उन्होंने सफाई मित्र योजना की शुरुआत की. प्रमोद दुबे के पार्षद रहते हुए ब्राह्मण पारा को सफाई के लिए नगर निगम से पुरस्कार भी दिया गया. 2009 में वो शहीद चूड़ामणि वार्ड के पार्षद बने. अपने कार्यकाल में उन्होंने पुलिस स्टेशन का निर्माण करवाया.

इसके बाद 2015 चुनावों में वे महापौर पद के लिए खड़े हुए और जीतकर महापौर बने. महापौर रहते हुए उन्होंने मल्टी लेवल पार्किंग, सेन्ट्रल लाइब्रेरी, आउटडोर जिम, स्मार्ट सिटी मिशन, सुभाष स्टेडियम जैसे कई काम कराए. अब संसद चुनाव में उनकी किस्मत का फैसला 23 मई को होने वाला है.

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