बीजापुर में मुठभेड़ के बाद नक्सलियों की बजाय 5 ग्रामीणों को गिरफ्तार करने का आरोप, MLA से शिकायत

बीजापुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर (Bijapur) में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ (Police-Naxalites encounter) के बाद गिरफ्तारी पर सवाल उठे हैं. बीजापुर के पीड़िया के जंगल-पहाड़ गोटपल्ली में नक्सलियों (Naxalite) द्वारा पुलिस पार्टी पर घात लगाकर हमला बीते 30 दिसंबर को किया गया था. पुलिस का दावा है कि सुरक्षा बल के जवानों की जवाबी कार्रवाई में नक्सली भागने लगे. इसी दौरान पांच नक्सलियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इसी गिरफ्तारी पर आदिवासी ग्रामीण सवाल उठा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सुरक्षा बल के जवानों ने जिन पांच युवकों को गिरफ्तार किया है, वे नक्सली नहीं हैं.

आदिवासी ग्रामीणों का एक समूह मंगलवार को बीजापुर विधायक (Bijapur MLA) व राज्यमंत्री विक्रम शाह मंडावी (Vikram Shah Mandawi) से मिलने पहुंचा. ग्रामीणों के दल ने आरोप लगाया कि सुरक्षाबल के जवानों ने निर्दोष आदिवासियों के साथ मारपीट की. जवानों पर 15000 रुपये भी चुराने का आरोप भी ग्रामीणों ने लगाया है. ग्रामीणों ने मुठभेड़ को भी फर्जी बताया. विधायक मंडावी से मिलकर ग्रामीणों ने न्याय की गुहार लगाई. ग्रामीणों ने नक्सली बताकर गिरफ्तार किए गए युवकों को रिहा करने की मांग की.

बीते सोमवार को सीआरपीएफ, कोबरा, एसटीएफ और डीआरजी की संयुक्त टीम जंगलों में सर्चिंग के लिए निकली थी. इसी दौरान नक्सलियों से मुठभेड़ होने का दावा पुलिस द्वारा किया जा रहा है. मुठभेड़ के बाद पुलिस ने भीमा लेकाम पिता हुगा लेकाम 25 वर्ष साकिन पटेलपारा, अंडरी थाना गंगालूर, राजू ओयाम पिता भीमा ओयाम उम्र 35 वर्ष ग्राम पीडिया लेकाम पारा, भीमा बाड़से पिता उर्रा बाड़से उम्र23 वर्ष ग्राम मददुम थाना गंगालूर, सोमलू ओयाम पिता पाण्डू 45 वर्ष साकिन पीडि़या ओयाम पारा और शांति कलमू पिता भीमा कलमू 25 वर्ष साकिन मददूम थाना गंगालूर को नक्सली बताकर गिरफ्तार किया. इन्हें ही ग्रामीण निर्दोष बता रहे हैं. बीजापुर विधायक विक्रम शाह मंडावी ने कहा— ग्रामीणों की शिकायत के बाद एसपी से बात किया हूं. एसपी ने जांच की बात कही है. हमारी सरकार बनने के बाद हम कोशिश कर रहे हैं कि निर्दोष आदिवासी जेल न जाएं.

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