बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष का पद बचा पाना मुश्किल

 
पटना 

 राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पांच विधान पार्षदों के पार्टी से इस्तीफा देकर जेडीयू में शामिल होने के बाद अब विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी को अपना यह पद बचा पाना मुश्किल हो गया है. 75 सदस्यों वाली बिहार विधान परिषद में पांच विधान पार्षदों के इस्तीफे से पहले आरजेडी की संख्या 8 थी जो अब घटकर 3 पर आ गई है.

बता दें कि बिहार विधान परिषद में संख्या बल के आधार पर किसी भी पार्टी को नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए 8 सदस्य होने चाहिए. 6 जुलाई को बिहार विधान परिषद के रिक्त हुए 9 सीटों के लिए चुनाव होना है. 9 सीटों पर होने वाले चुनाव में जेडीयू और आरजेडी को 3 – 3, बीजेपी को दो और कांग्रेस को एक सीट मिलनी तय है.
 
बिहार विधान परिषद के 9 सीटों पर चुनाव के बाद भी आरजेडी की संख्या बल 3 से बढ़कर 6 तक पहुंच सकती है. ऐसे में माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के लिए नेता प्रतिपक्ष का पद बचाना लगभग असंभव है. बता दें कि मंगलवार को तेजी से बदले घटनाक्रम के बीच आरजेडी के पांच विधान पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा देकर जेडीयू का दामन थाम लिया. पार्टी छोड़ने वाले आरजेडी नेताओं ने इस कदम के पीछे तेजस्वी यादव को वजह बताया.
 
पार्टी छोड़ने वाले विधान पार्षद और आरजेडी नेता दिलीप राय ने कहा कि तेजस्वी यादव पार्टी मनमाने तरीके से चला रहे हैं और पार्टी नेताओं की कोई राय नहीं ली जा रही है. पार्टी छोड़ने वाले आरजेडी नेताओं ने यह भी दावा किया कि आने वाले दिनों में तकरीबन दो दर्जन से भी ज्यादा विधायक पार्टी छोड़ देंगे.

5 MLC ने छोड़ा साथ

जिन 5 MLC ने पार्टी का साथ छोड़ा है वो संजय प्रसाद, कमरे आलम, राधाचरण सेठ, रणविजय सिंह और दिलीप राय हैं. पांचों नेता अब नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में शामिल हो गए हैं. इन सभी का कहना है कि वे आरजेडी की मौजूदा वंशवाद की राजनीति और तेजस्वी यादव के नेतृत्व से असंतुष्ट थे.

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