बिहार में भी 31 मार्च तक लॉकडाउन, कोरोना संक्रमण से हो चुकी है राज्य में एक मौत

पटना 
विश्व में कहर बरपा चुका कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए बिहार सरकार ने राज्य में लॉकडाउन की घोषणा की है। बिहार के मुख्यमंत्री ऑफिस की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य में 32 मार्च तक लॉकडाउन होगा। हालांकि इस दौरान सारी जरूरी सामान बिकते रहेंगे और जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी। रविवार दिन में ही कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते बिहार में भी एक व्यक्ति की मौत की खबर आई थी। मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, नीतीश ने कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण एक व्यक्ति की मौत पर शोक व्यक्त किया है और मृतक के परिजनों के प्रति संवेदना जाहिर की है। मृतक के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से अनुमान्य सहायता राशि देने का निर्देश दिया गया है। उल्लेखनीय है कि गत 16 मार्च को बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना वायरस से किसी की मृत्यु होने की स्थिति में मृतक के निकटतम संबंधी को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि दिए जाने की घोषणा की थी। 

बिहार में कोरोना वायरस के 2 मामले 
बिहार में कोरोनावायरस से दो लोगों को संक्रमित पाया गया है, जिसमें से एक मरीज की मौत हो गई है, जबकि दूसरे को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। बिहार के स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार ने रविवार को बताया, ‘बिहार में कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि दूसरा मरीज पटना का ही रहने वाला है, जिसे एक अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है।’ यह कोरोनावायरस संक्रमित किसी मरीज की बिहार में पहली मौत है। एक अधिकारी ने बताया कि मुंगेर के रहने वाले सैफ अली (38) को किडनी की गंभीर बीमारी के कारण पटना अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 20 मार्च को भर्ती कराया गया था। बाद में इसकी पहचान संदिग्ध कोरोना मरीज के रूप में की गई थी और उसका नमूना पटना के राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीच्यूट (आरएमआरआई) में भेजा गया था। इधर, पटना एम्स के सुपरिटेंडेंट सी. एम. सिंह ने रविवार को बताया, ‘सैफ अली कतर से लौटा था और उसे 20 मार्च को एम्स में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उसे कोविड-19 संदिग्ध मानकर उसके नमूने जांच के लिए पटना के आरएमआरआई में भेजे गए थे। ’ उन्होंने बताया कि 21 मार्च को सैफ अली की मौत हो गई, जबकि इसके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की रिपोर्ट एम्स प्रशासन को रविवार को प्राप्त हुई है। इधर, स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार ने बताया कि अभी तक मिले दोनों मरीजों की ‘ट्रैवल हिस्ट्री’ रही है। इस कारण प्रोटोकॉल के तहत दोनों मरीजों को संपर्क में आने वाले लोगों का भी पता लगाया जा रहा है। सचिव ने ‘लॉक डाउन’ करने के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि सरकार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। स्थिति को देखते हुए सभी कदम उठाए जाएंगे। एम्स प्रशासन के मुताबिक, फिलहाल एम्स में छह संदिग्ध कोरोना मरीज को आइसोलेशन में रखा गया है। 

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