बिहार बंद बवाल: हिंसा में शामिल हर एक उपद्रवी पर होगी कार्रवाई
पटना
बिहार बंद के दौरान हिंसा और तोड़फोड़ करनेवाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। पटना के फुलवारीशरीफ समेत बिहार के कई जिलों में हुई हिंसा को लेकर पुलिस मुख्यालय ने जिलों को सख्त एक्शन लेने का आदेश दे दिया है। उपद्रवियों पर कार्रवाई के लिए वीडियो फूटेज का सहारा लिया जा रहा है। उधर बंद के दौरान हुई हर एक घटना की एफआईआर दर्ज की जा रही है। मुख्यालय के निर्देश पर जिला पुलिस का एक्शन तेज हो गया है।
19 एफआईआर दर्ज किए गए
खबर लिखे जाने तक तोड़फोड़ और हिंसा की वारदातों को लेकर राज्य में 19 एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें 15 की गिरफ्तारी हुई है। वहीं बंद के तौरान एहतियातन 1585 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि बाद में इन्हें रिहा कर दिया गया। पुलिस मुख्यालय के मुताबिक बंद में उपद्रव की हर एक वारदात को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। मामलों का अनुसंधान विशेष टीम बनाकर किया जाएगा। वहीं फील्ड में तैनात एसपी-डीएसपी को निर्देश दिया गया है कि वह पुख्ता साक्ष्य इक्ट्ठा करें ताकि किसी भी सूरत में उपद्रवी बच नहीं पाएं।
वीडियो फूटेज बड़ा हथियार
पुलिस मुख्यालय ने बंद को लेकर जारी एडवाइजरी में सभी जिलों को वीडियोग्राफी की व्यवस्था करने को कहा था। आला पुलिस अधिकारी के मुताबिक जहां भी हंगाम या हिंसा की वारदात हुई है वहां के वीडियो फूटेज पुलिस के पास उपलब्ध है। इसके आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। फूटेज में जो भी हिंसा करते नजर आ रहे हैं उनकी पहचान जल्द कर ली जाएगी। इसके बाद वैसे उपद्रवियों की तलाश होगी जो फूटेज में नहीं आए हैं पर घटना में शामिल हैं। इसके लिए फील्ड के पुलिस अफसरों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है। ऐसे किसी भी असामाजिक तत्व को नहीं छोड़ा जाएगा जो किसी न किसी रूप में उपद्रव में शामिल थे। अनुसंधान के दौरान इनके नाम सामने लाए जाएंगे।
गुंडा रजिस्टर में दर्ज होगा नाम
एफआइआर में लगी धाराओं के तहत उपद्रवियों पर कार्रवाई तो होगी पर उनके नाम गुंडा रजिस्टर में भी दर्ज किए जाएंगे। पुलिस मुख्यालय के मुताबिक सभी उपद्रवियों के नाम गुंडा रजिस्टर में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। गुंडा रजिस्टर में नाम दर्ज होने के बाद ऐसे लोग कई अधिकारों से वंचित हो जाएंगे। वहीं पुलिस को उनपर निगरानी और घरों की तलाशी का अधिकार भी मिल जाएगा।