बिहार पुलिस: कोरोना लॉकडाउन के दौरान कठिन ड्यूटी पूरा करने के बाद एक हफ्ते मिलेगा आसान काम

पटना 
कोरोना के कहर को रोकने के लिए देश में लॉक डाउन लगा है। लोगों की आवाजाही पर पाबंदी है। लॉक डाउन ने पुलिस की जिम्मेदारियां पहले से ज्यादा बढ़ा दी है। स्वास्थ्यकर्मियों की तरह वह सीधे तौर पर कोरोना पीड़ितों की इलाज में नहीं लगे हैं पर महामारी को रोकने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। क्वारंटाइन सेंटर, आइसोलेशन वार्ड या अस्पताल की सुरक्षा के साथ लॉक डाउन को अमल कराने में पुलिस दिन-रात जुटी है। इस जिम्मेदारी ने पुलिसकर्मियों को घंटों काम करने पर मजबूर कर दिया है। 

बिहार पुलिस एसोसिएशन और मेंस एसोसिशन पुलिस को सुविधा और कोरोना वायरस से सुरक्षा की मांग लगातार उठा रहा है। इसको लेकर पुलिस मुख्यालय कितना गंभीर है इसकी छानबीन शुरू कि तो पता चला कि काम के बोझ को कम करने के लिए कदम उठाए गए हैं। सभी जिलों के एसपी को गाइडलाइन भेजी गई है ताकि ड्यूटी प्रभावित न हो और पुलिस को आराम का कुछ समय भी मिल जाए।

हल्का और कठिन दो भागों में बंटेंगे पुलिसवालों के काम 
लॉक डाउन के दौरान पुलिस लगातार ड्यूटी कर रही है। पुलिस वालों को आराम दिया जा सके इसके लिए मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को टॉस्क सौंपा है। इसके तहत पुलिस अफसरों और जवानों की अलग-अलग टीम बनाई जाएगी। एक टीम में कई सदस्य होंगे। एक टीम के सदस्य को यदि कठीन ड्यूटी दी गई है तो एक हफ्ते ही वह इस जिम्मेदारी में रहेंगे। हफ्ता पूरा होते ही इस टीम को आराम के लिए मौका दिया जाएगा और इनकी ड्यूटी हल्के काम में लगाई जाएगी ताकि इन्हें आराम का ज्यादा समय मिल पाए। कौन सी टीम कब क्या काम करेगी यह जिम्मेदारी एसपी के स्तर से तय की जाएगी। पर एक हफ्ते से ज्यादा किसी भी टीम को कठीन ड्यूटी में नहीं रखा जाएगा। हर हाल में फेरबदल कर ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

थानाध्यक्ष और अपर थानाध्यक्ष के बीच काम का बंटवारा 
लॉक डाउन में सबसे ज्यादा मुश्किल थानाध्यक्ष के लिए है। थानाध्यक्ष के नाते 24 घंटे वह कर्तव्य पर मौजूद रहते हैं। न खाने का समय न सोने का वक्त। सामान्य दिनों में यह चल जाता है पर लॉक डाउन में हमेशा तत्पर रहना है। लिहाजा थानाध्यक्ष को भी आराम देने का फार्मूला निकाला गया है। थानाध्यक्ष व अपर थानाध्यक्ष में काम का बंटवारा होगा। यानी कुछ समय के लिए अपर थानाध्यक्ष पूरे थाने की जिम्मेदारी संभालेंगे। एक तरह से वह थानाध्यक्ष की भूमिका में रहेंगे ताकि थानाध्यक्ष आराम कर सकें। इसी तरह अपर थानाध्यक्ष को भी आराम का मौका दिया जाएगा।

लॉकडाउन के दौरान पुलिस अफसरों और जवानों को ज्यादा ड्यूटी करनी पड़ रही है। ड्यूटी के बीच पुलिसकर्मियों को आराम का मौका मिल सके इसके उपाए किए गए हैं। कठिन ड्यूटी के बाद उन्हें एक हफ्ते के लिए हल्की ड्यूटी मिलेगी। 
-जितेन्द्र कुमार, एडीजी (मुख्यालय)

पुलिस मुख्यालय का यह कदम सराहनीय है। पुलिसकर्मियों के आराम के लिए रास्ता ढूंढ़ना उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाएगा। पर एसपी आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करें। यह दिखना चाहिए।
-मृत्युंजय कुमार सिंह, अध्यक्ष, बिहार पुलिस एसोसिएशन

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