बिहार के बाहर NDA का हिस्सा नहीं होगी JDU, अपने दम पर लड़ेगी चुनाव

पटना    
जेडीयू दिल्ली, हरियाणा, झारखंड और जम्मू कश्मीर में अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ेगी. जेडीयू के पटना में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में यह फैसला सर्वसम्मति से किया गया. राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में कहा गया कि बिहार के लोकसभा चुनाव में सफलता हमारे काम की वजह से हुई और यही वजह है कि केवल 4 सीटों को छोड़ कर एनडीए ने सभी सीटों पर 1 लाख के अंतर से चुनाव जीता.

हालांकि कार्यकारणी में प्रशांत किशोर को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई, लेकिन में संगठन के चुनाव की घोषणा होते ही पार्टी में आचार संहित लागू कर दी गई. जरूरत होगी तो 13 अक्टूबर को चुनाव कराया जाएगा.

नीतीश कुमार ने कहा कि पार्टी बिहार में किए गए काम के दम पर इन चारों राज्यों में वोट मांगेगी. जम्मू कश्मीर में तो काफी मजबूती से हम चुनाव लड़ेंगे क्योंकि वहां के पंचायत चुनाव में पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए पंचायत के 600 सीटें जीती हैं. तीन जिलों के नगर निगम पर पार्टी का कब्जा है. उन्होंने बताया कि पार्टी ने घाटी के 47 और जम्मू के 11 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. जेडीयू को लगता है कि पीडीपी और कांग्रेस के शून्य पर आउट होने की वजह से जेडीयू पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा.

नीतीश कुमार ने कहा कि इसी तरह दिल्ली में आम आदमी पार्टी पर अब जनता का भरोसा नहीं रहा है. बीजेपी और कांग्रेस को वहां की जनता देख चुकी है. पार्टी को पूर्वांचल के वोटरों पर भरोसा है. उन्होंने कहा कि हम बिहार में एनडी के साथ हैं और जहां भी जरूरत होती है हम बीजेपी को समर्थन देते रहते हैं जैसे नगालैंड में दिया.
नीतीश कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव में महिलाओं के बढ़े वोट प्रतिशत से काफी कुछ समझने की जरूरत है. नीतीश कुमार ने अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सफलता के लिए वहां के प्रदेश अध्यक्ष को सम्मानित किया.

जेडीयू के इस राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में सबकी नजर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर की तरफ थी जो राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ठीक बगल में दाहिनी ओर बैठे हुए थे. इस तरस्वीर को देखने के बाद पार्टी के नेताओं को अंदाजा हो गया कि आज भी नीतीश कुमार के सबसे करीबी और भरोसेमंद प्रशांत किशोर ही हैं.

पिछले दिनों तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष ममता बनर्जी से मुलाकात को लेकर प्रशांत किशोर पर पार्टी के अंदर भी प्रहार हुए. मगर नीतीश कुमार ने शनिवार को प्रशांत किशोर के पक्ष में बोलते हुए कहा कि जेडीयू का प्रशांत किशोर की संस्था से कोई लेना देना नहीं है. अगर कोई सवाल उठाता है तो उसका जवाब भी वही देंगे. उन्हें पार्टी ने जो काम सौंपा है वो कर रहे हैं.

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