बिजली बिल विरोध : पंचायत-वार्डस्तर पर संघर्ष समिति बनाने जायेंगे : शिवराज
मंदसौर
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बिजली के बढ़े हुए बिल का विरोध करने के लिए मंदसौर में पंचायत एवं वार्डस्तर पर संघर्ष समिति बनाने का काम किया जाएगा। यह समिति भाजपा के मंदसौर जिले के पदाधिकारियों के साथ मिलकर बिल का विरोध करेगी। खासताौर पर बिल जमा न होने पर जारी हुए कुर्की के नोटिस को निरस्त कराने के लिए ज्यादा विरोध किया जाएगा। इस मौके पर उन्होंने कुर्की के नोटिस और बढ़े हुए बिजली बिलों की होली भी जलाई।
एक तो बारिश ने इतना नुकसान किया, ऊपर से गरीबों पर बढ़े हुए बिजली के बिलों की मार!
एक भी गरीब बिजली का बिल नहीं भरेगा। कमलनाथ जी ने बिल आधे करने की बात कही थी, इस हिसाब से प्रशासन को रु. 100 लेना हो तो ले!
बढ़े हुए बिलों की हमने सभी गरीब भाई-बहनों के साथ मंदसौर में होली जलाई! pic.twitter.com/VT3W2oz0oT
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 22, 2019
चौहान ने ये बातें कल से मंदसौर कलेक्टर कार्यालय में चल रहे धरना आंदोलन के समाप्ति के पहले उपस्थित लोगों से कहीं। उन्होंने कहा कि वे यहां सहयोग करने आए हैं। रचनात्मक आंदोलन में शामिल रहे हैं। जिन लोगों के मकान गिरे हैं, उनके लिए पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से आग्रह करेंगे कि पीएम आवास योजना में बने बनाए मकान गिर गए हैं, तो पीड़ितों की शीघ्र मदद की जाए। जो पात्र हैं, उन्हें जल्द मकान स्वीकृत किए जाएं। पक्के मकान बनने तक अस्थायी शेड बनाकर दिए जाएं। जनता की अदालत प्रस्ताव पारित करती है कि खराब फसलों का 100 फीसदी नुकसान मानकर 40 हजार रुपए हेक्टेयर के मान से मुआवजा दिया जाए। रबी की फसल के लिए खाद बीज का इंतजाम किया जाए। उन्होंने कहा कि बिल न भरने पर चल अचल संपत्ति जब्त करने की बात कही जा रही है। इसका विरोध किया जाएगा और संघर्ष समिति बनाकर सरकार के संज्ञान में पूरे मामलों को लाया जाएगा।
पूर्व सीएम चौहान ने कलेक्टर मनोज पुष्प को कल से चल रहे धरने के दौरान आईं शिकायतों का ज्ञापन सौंपा। इस दौरान कलेक्टर पुष्प ने कहा कि स्थानीय स्तर पर जो शिकायतें आई हैं, उनका समाधान जल्द करेंगे और जो समस्याएं राज्य स्तर की हैं, उन्हें कल सीएम कमलनाथ को मंदसौर दौरे के वक्त अवगत कराएंगे। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत के काम में भाजपा और जिले की जनता का पूरा सहयोग मिल रहा है जिससे प्राकृतिक आपदा से निपटने में आसानी हो रही है।