बिजली-पानी को तरस रहे लोग, ममता बनर्जी सरकार ने मांगी सेना से मदद

 कोलकाता 
पश्चिम बंगाल में अम्फान तूफान की वजह से हुई तबाही के बाद राहत और बचाव कार्य के लिए ममता बनर्जी सरकार ने सेना से मदद मांगी है। राज्य सरकार ने तूफान प्रभावित इलाकों में जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर और सेवाओं को शुरू करने के लिए सेना से मदद की मांग की है। इसके अलावा राज्य सरकार ने रेलवे, बंदरगाह अथॉरिटी और निजी इकाइयों से भी चक्रवात प्रभावित इलाकों में जरूरी सेवाओं को शुरू कराने के लिए सहयोग की अपील की है। इस बीच अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात अम्फान से बुरी तरह प्रभावित पश्चिम बंगाल में राहत और बचाव कार्यों में तेजी के लिए एनडीआरएफ की दस और टीमें भेजी जा रही हैं।

पश्चिम बंगाल में चक्रवात अम्फान के कारण 85 लोगों की जान चली गई है। वहीं कोलकाता में नाराज लोगों ने तीन दिन बाद भी स्थिति सामान्य कर पाने में प्रशासन की विफलता के खिलाफ प्रदर्शन किया और शहर के विभिन्न हिस्सों में सड़कों को बाधित कर दिया।

चक्रवात के कारण जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित होने के बाद, प्रशासन के तमाम अधिकारी राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्थिति को सामान्य बनाने के लिए जुटे हुए हैं। राज्य में बुधवार को चक्रवात अम्फान के भीषण तबाही मचाने के बाद लाखों लोग बेघर हो गए, कई घर बर्बाद हो गए, हजारों पेड़ उखड़ गए और निचले इलाके जलमग्न हो गए।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, राज्य के करीब 1.5 करोड़ लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं और चक्रवात के कारण 10 लाख से ज्यादा घर बर्बाद हो गए। कोलकाता के कुछ हिस्सों और उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना में भले ही बिजली और मोबाइल सेवाएं बहाल कर ली गईं हैं लेकिन बिजली के खंभे उखड़ जाने और संचार लाइनें टूट जाने से अब भी कई इलाके अंधकार में डूबे हुए हैं।

कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में लोग बिजली और पानी की तत्काल आपूर्ति बहाल करने की मांग के साथ शुक्रवार रात से प्रदर्शन कर रहे हैं और सड़कें बाधित की हुई हैं। कोलकाता नगर निगम प्रशासक बोर्ड के प्रमुख फरहाद हाकिम ने आश्वासन किया है कि एक हफ्ते के भीतर स्थिति सामान्य हो जाएगी क्योंकि सरकारी अधिकारी स्थिति में सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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