बिजली उत्पादन के मामले में ऊर्जा के गैर-परम्परागत साधनों को प्राथमिकता: यादव

भोपाल
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हर्ष यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में बिजली उत्पादन के मामले में ऊर्जा के गैर-परम्परागत साधनों को प्राथमिकता दी जाएगी। सौर ऊर्जा के बेहतर उपयोग के लिये भवनों की छतों का अधिकाधिक उपयोग किया जायेगा।  यादव आज भोपाल में मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्यालय भवन पर 20 किलोवॉट क्षमता के ग्रिड संयोजित सौर ऊर्जा पॉवर प्लांट के भूमि-पूजन के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे।

 यादव ने कहा कि रीवा में सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन के मामले में देश के सबसे बड़े सोलर पॉवर प्लांट, रीवा की वजह से मध्यप्रदेश को दुनियाभर में विशिष्ट पहचान मिली है। इस सोलर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली से मध्यप्रदेश के विकास को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि ग्रामोद्योग बोर्ड में लगने वाले 20 किलोवॉट क्षमता के संयंत्र की लागत 13.70 लाख रुपये आयेगी। इसमें करीब पौने 3 लाख की वित्तीय सहायता केन्द्र से और 2.20 लाख रुपये की सहायता राज्य सरकार से मिलेगी। शेष 8.75 लाख रुपये की राशि खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा वहन की जायेगी।

इस मौके पर ऊर्जा विकास निगम के एमडी  मनु श्रीवास्तव ने बताया कि संयंत्र से प्रति दिन लगभग 80 यूनिट सौर विद्युत उत्पादन होगा। इससे प्रति माह खादी बोर्ड के विद्युत बिल में 2400 यूनिट अर्थात 18 हजार रुपये की बचत होगी। संयंत्र से प्रति वर्ष लगभग 2.20 लाख रुपये की बचत होगी। इस प्रकार साढ़े तीन से चार वर्ष की अवधि में संयंत्र के लिये ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा निवेश की गई राशि की वापसी हो जायेगी। संयंत्र की आयु 25 वर्ष है। पूरी अवधि के दौरान संयंत्र से 60 लाख रुपये की बिजली का उत्पादन होगा। कार्यक्रम में खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के एमडी मधु खरे ने विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी।

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