बाढ़ प्रभावितों को मदद की शर्तों से फडणवीस सरकार की किरकिरी

 
मुंबई 

महाराष्ट्र में बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई है और अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। 2.03 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इस बीच बाढ़ को लेकर एक सरकारी आदेश और जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन सेल्फी पर फडणवीस सरकार की किरकिरी हो रही है। इस आदेश में कहा गया कि उन इलाकों में लोगों को आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो क्षेत्र दो दिन से अधिक समय से बाढ़ के पानी में डूबे रहे हैं। इस मामले में सरकार पर निशाना साधते हुए विपक्षी कांग्रेस ने इस आदेश को तत्काल रद्द करने की मांग की। 

क्या है सरकारी आदेश?
दरअसल, गुरुवार को राज्य सरकार ने एक सरकारी आदेश जारी कर कहा कि जिस इलाके में दो दिन से अधिक समय तक पानी रहा है और घर पूरी तरह बह गया है, ऐसे मामलों में आर्थिक सहायता दी जाएगी। चार शहरी इलाकों में, प्रति परिवार सहायता राशि कपड़ों के लिए 7,500 रुपये होगी और घरेलू सामान के लिए भी इतनी ही राशि दी जाएगी, जबकि ग्रामीण इलाकों में कपड़ों के लिए पांच हजार और घरेलू सामान के लिए भी इतनी ही राशि दी जाएगी। सात अगस्त को जारी एक अन्य आदेश में कहा गया है कि जो क्षेत्र बाढ़ के पानी में दो दिन से अधिक समय तक डूबा रहा है, वहां रहने वाले प्रत्येक परिवार को दस किलो चावल और दस किलो गेंहू दिया जाएगा। 

विपक्ष ने बताया क्रूर मजाक 
सरकार के इस आदेश पर महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोरात ने कहा कि राज्य सरकार ने आर्थिक सहायता देने के लिए जो मानदंड तय किए हैं वह 'क्रूर मजाक' हैं। उन्होंने सरकार से पूछा कि, 'क्या बाढ़ प्रभावित लोगों को 10 किलो चावल और गेहूं पाने के लिए दो दिनों तक पानी में रहना चाहिए।' अगर सरकार में थोड़ी भी संवेदनशीलता बची है तो उसे इस आदेश को तुरंत वापस लेना चाहिए। 

शेलार का पलटवार 
सुबह से विपक्ष के हमलों के बाद शुक्रवार शाम को फडणवीस सरकार के मंत्री आशीष शेलार ने कहा कि कांग्रेस सरकार के राज में तो सात दिन तक बाढ़ के पानी में डूबने वालों को ही आर्थिक सहायता देने का नियम था। 

मंत्री की सेल्फी पर हंगामा 
इधर, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दाहिने हाथ कहे जाने वाले राज्य के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन सेल्फी को लेकर विवादों में घिर गए हैं। उनका एक ‌‌‌विडियो सामने आया है, जिसमें वे बाढ़ग्रस्त जिले के कुछ हिस्सों के सर्वेक्षण के दौरान मुस्कुराते और खुशी से हाथ हिलाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस विडियो के सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियों एनसीपी और कांग्रेस ने महाजन की निंदा की है। 

एनसीपी ने देवेंद्र फडणवीस से सवाल किया कि क्या मंत्री गिरीश महाजन 'घूमने गए' थे। मुख्यमंत्री को 'असंवेदनशील' मंत्री से इस्तीफा ले लेना चाहिए। कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला करते हुए तंज कसा कि उन्हें 'सेल्फी विद डेड' यानी बाढ़ में 'मरे हुए लोगों के साथ सेल्फी' सीरिज शुरू करनी चाहिए और गिरीश महाजन को उसका ब्रांड एंबैसडर बनाना चाहिए। 

एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि यह आपदा प्रबंधन नहीं बल्कि 'आपदा पर्यटन' है। महाजन ने खुद इस तरह के पर्यटन का सबूत दिया है। यह असंवेदनशील सरकार है। वह सिर्फ प्रचार में जुटी है। राज्य की जनता देख रही है और वह बीजेपी को सबक सिखाएगी। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने ट्वीट किया, 'गिरीश महाजन एक ऐसा चेहरा हैं, जो इस सरकार की पहचान, विचारधारा और चरित्र दिखाते हैं।' 
 

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