बाढ़:असम-बिहार में कुल 15 मौतें, करीब 44 लाख लोग प्रभावित
पटना/गुवाहाटी
मॉनसूनी बारिश और पड़ोसी देश नेपाल से आए बाढ़ के पानी के मिलेजुले असर से देश के कई राज्यों में बाढ़ का संकट पैदा हो गया है। असम के अधिकांश जिले ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों की वजह से बाढ़ग्रस्त हो चुके हैं। बिहार में कोसी बैराज के सभी 56 गेटों को खोल देने के बाद राज्य में बाढ़ की स्थिति रविवार को और भयावह हो गई है। बाढ़ की वजह से बिहार में 4 और असम में 11 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिलों, यूपी के पूर्वी जिलों में भी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने से निचले इलाकों में पानी भर गया है। बारिश ने पंजाब और हरियाणा के बड़े हिस्सों को भी प्रभावित किया है।
बिहार में कोसी बैराज के सभी गेट खुले
कोसी बैराज के सभी 56 गेटों को शनिवार रात खोल देने के बाद बिहार में बाढ़ की स्थिति रविवार को और भयावह हो गई है। पानी खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। दूसरी तरफ नेपाल में लगातार बारिश जारी है। प्रभावित इलाकों में मोबाइल और बिजली सेवाएं बाधित हुई हैं। मौसम विभाग ने सोमवार दोपहर तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
भारी बारिश की वजह से बिहार की तमाम नदियों में बाढ़ का पानी 600 और गांवों में फैल चुका है। ये गांव सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जिलों के 55 ब्लॉक क्षेत्रों के 352 पंचायतों के तहत आते हैं। उत्तरी बिहार के इन नौ जिलों के करीब 18 लाख लोग बाढ़ की आपदा झेल रहे हैं।
सीतामढ़ी सबसे अधिक प्रभावित
इन सभी जिलों में सीतामढ़ी सबसे अधिक प्रभावित है जहां 11 लाख लोगों पर बाढ़ का असर पड़ा है। इसके बाद अररिया का स्थान है जहां 5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से रविवार शाम को जानकारी देते हुए कहा, 'अररिया, शिवहर और किशनगंज जिलों में बाढ़ की वजह से अब तक चार लोगों की मौत हुई है। इनमें से दो मौतें अररिया में हुई हैं जहां आठ ब्लॉकों की 83 पंचायतों पर बाढ़ का सबसे ज्यादा असर हुआ है।'