‘बाटला हाउस’ को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली रिलीज की हरी झंडी

पिछले काफी दिनों से जॉन अब्राहम की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'बाटला हाउस' चर्चा में है। यह फिल्म दिल्ली के बाटला हाउस में हुए एनकाउंटर पर आधारित है। इस फिल्म की कहानी के ऊपर विवाद है कि उसमें डायरेक्टर ने आतंकवाद के आरोपियों पर हुई अदालती कार्रवाई को कितना संतुलित तरीके से दिखाया गया है। लंबी सुनवाई के बाद मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने इस फिल्म को स्वतंत्रता दिवस पर रिलीज की अनुमति दे दी है।

आरोपियों ने जताई थीं फिल्म पर आपत्तियां
कोर्ट ने इस फिल्म को तब रिलीज की अनुमति दी है जबकि फिल्ममेकर और एनकाउंटर केस में आरोपी फिल्म में कुछ परिवर्तनों के लिए तैयार हो गए हैं। दोनों पार्टियों की सहमति के बाद जस्टिस विभु बखरू ने कहा कि फिल्ममेकर्स अपने बयान से बंधे रहेंगे और बाटला हाउस केस में आतंक के आरोपी अरीज खान की अपील का निपटारा किया जाता है। अरीज खान ने अपील की थी कि इस फिल्म की रिलीज को रोक दिया जाए क्योंकि फिल्म के कारण इसकी कहानी के कारण उनका ट्रायल प्रभावित हो सकता है।

ऐसी ही एक अपील बाटला हाउस मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे शहजाद अहमद ने भी दायर की थी। उनकी अपील अभी हाई कोर्ट में लंबित है। ये दोनों आरोपी साल 2008 में दिल्ली में हुआ सीरियल बम ब्लास्ट के आरोप में भी केस का सामना कर रहे हैं। निर्माता फिल्म में कुछ निश्चित डिस्क्लेमर देने के साथ ही कुछ सीन्स को डिलीट करने के लिए तैयार हो गए हैं। इन सीन्स पर शहजाद और अरीज खान ने आपत्ति दर्ज की थी क्योंकि इनमें दोनों को बम बनाते और पुलिस के सामने आरोप कबूल करते हुए दिखाया गया था। फिल्म में एक सीन में 'मुजाहिद' शब्द को भी म्यूट कर दिया जाएगा और डिस्क्लेमर दिया जाएगा कि निर्माता किसी भी पक्ष के नजरिए का समर्थन नहीं करते हैं।

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