बाकी बचे 7 में से 6 मैच जीतकर भी प्लेऑफ में जा सकती है RCB
नई दिल्ली
विराट कोहली और एबी डिविलियर्स की अर्धशतकीय पारियों के दम पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने किंग्स इलेवन पंजाब (KXIP) पर 8 विकेट से जीत दर्ज कर अपनी हार का क्रम तोड़ा और आईपीएल 2019 में अपनी उम्मीदें बरकरार रखीं.
शनिवार रात मोहली में कोहली ने 53 गेंदों में 67 और डिविलियर्स ने 38 गेंदों में नाबाद 59 रन बनाए. बेंगलुरु 19.2 ओवरों में 2 विकेट पर 174 रन बनाकर अपना खाता खोलने और क्रिस गेल (नाबाद 99) की पारी पर पानी फेरने में सफल रहा.
किंग्स इलेवन ने पहले बल्लेबाजी का न्योता मिलने पर चार विकेट पर 173 रन बनाए थे. गेल केवल एक रन से शतक से चूक गए. पंजाब की यह 8 मैचों में चौथी हार है, जबकि RCB की 7 मैचों में पहली जीत. उसे पहले छह मैचों में हार का सामना करना पड़ा था.
A victory to cherish for the @RCBTweets here in Mohali 🙌🙌 pic.twitter.com/vdUitnvd4R
— IndianPremierLeague (@IPL) April 13, 2019
RCB के लिए हर मैच 'करो या मरो' वाली है. उसे प्लेऑफ में पहुंचना है, तो बाकी के सभी 7 मैच जीतने होंगे. लेकिन आंकड़े गवाह हैं कि आईपीएल के लीग चरण में 14 अंक हासिल कर भी कई टीमें प्लेऑफ में पहुंच चुकी हैं. यानी 14 में से 7 मैच जीतकर भी प्लेऑफ में टीमों ने स्थान बनाया है.
अब कहा जा सकता है कि विराट कोहली की कप्तानी वाली RCB की टीम बाकी बचे अपने 7 में से 6 मैच जीत कर भी प्लेऑफ की उम्मीद लगा सकती है. ऐसे में नेट रन रेट की भी अहम भूमिका होती है. मजे की बात है कि 2010 में RCB 7 मैच जीतकर प्लेऑफ में पहुंची थी.
दिलचस्प फैक्ट यह है कि 2009 में डेक्कन चार्जर्स टीम 7 मैच जीतकर न सिर्फ प्लेऑफ में पहुंची, बल्कि वह चैम्पियन भी बनी. उसने फाइनल में RCB को मात दी थी. इसके बाद 2010 में चेन्नई सुपर किंग्स टीम भी 7 मैच जीतकर प्लेऑफ में पहुंची और खिताब जीतने में कामयाब रही.
14 प्वाइंट हासिल कर प्लेऑफ में पहुंचने वाली टीमें
- 2018 में – राजस्थान रॉयल्स
- 2014 में- मुंबई इंडियंस
- 2010 – रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और चेन्नई सुपर किंग्स
- 2009 – डेक्कन चार्जर्स