बहिन जी को पूरे ‘यदुवंशी’ समाज को ‘धोखेबाज़’ नहीं कहना चाहिए था: आचार्य प्रमोद कृष्णम

लखनऊ 
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी के लखनऊ से कांग्रेस उम्मीदवार आचार्य प्रमोद कृष्‍णम ने सपा-बसपा गठबंधन में आई कड़वाहट पर बसपा सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधा. मंगलवार को ट्वीट करके प्रमोद कृष्‍णम ने कहा कि गठबंधन करना या “तोड़ना” तो अलग बात है, लेकिन बहिन जी को पूरे “यदुवंशी” समाज को “धोखेबाज़” और “भीतरघाती” नहीं कहना चाहिये था. उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, 'बहिन जी ने कहा कि अगर अखिलेश “अच्छे” काम करेंगे, तो फिर मिलेंगे'…इसका मतलब है, कि क्या अखिलेश यादव ने अभी तक “गलत” काम किये…..?

इस क्रम में आज गाजीपुर पहुंचे सपा प्रमुख ने अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो को साफ संकेत देते हुए कहा कि विधानसभा उपचुनावों के दौरान समाजवादी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि यूपी में वर्ष 2022 में समाजवादी पार्टी (सपा) की ही सरकार होगी. इससे पहले आज बसपा प्रमुख मायावती ने उत्‍तर प्रदेश में सपा के साथ गठबंधन को लेकर बड़ा ऐलान किया. मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी विधानसभा उपचुनावों में सपा और रालोद के बगैर चुनाव मैदान में उतरेगी.

जानकारों की मानें तो बसपा द्वारा उपचुनाव लड़ने का फैसला चौंकाने वाला है, क्योंकि बसपा के इतिहास को देखें तो पार्टी उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारती है. वर्ष 2018 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी पार्टी ने प्रत्याशी नहीं उतारे थे और सपा को समर्थन दिया था. इसी आधार पर लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन बना, लेकिन परिणाम मनमाफिक नहीं आए. अब अगर मायावती अकेले उपचुनाव में उतरने का फैसला करती हैं तो गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठाना लाजमी है.

हाल ही में कई विधायकों ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था. इसके बाद राज्य में कई सीटें खाली हुई हैं. अब कुछ ही समय के बाद राज्य की कुल 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. जिन सीटों पर उपचुनाव होना है उसमें गोविंदनगर, लखनऊ कैंट, जैदपुर, मानिकपुर और जलालपुर जैसी सीटें शामिल हैं. बसपा कम ही उपचुनाव लड़ती है, लेकिन इस बार उसने भी कह दिया है कि वह अकेले ही किस्मत आजमाएगी.

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