बहनों के लिए भाई करें ये चीजें, बन जाएंगी सच्ची दोस्त

भाई-बहन का रिश्ता इस दुनिया का एक अनमोल रिश्ता है। इस रिश्ते में नोंक-झोंक भी होती है, तकरार भी होती है तो प्यार भी होता है। लेकिन इस सबके बावजूद इनका रिश्ता बहुमूल्य होता है। इस रिश्ते को और मजबूत बनाने के भाई बहनों के लिए कुछ स्पेशल और 'कुछ हटके' कर सकते हैं। यहां कुछ चीजें बताई जा रही हैं, जिनके जरिए भाई अपनी बहनों को स्पेशल फील करा सकते हैं।

बहन के लिखें प्यार भरा खत
जिससे हम प्यार करते हैं, हम उसके प्रति अपने प्यार का इजहार करते हैं ना? तो फिर क्यों ने बहनों के प्रति भी भाई अपने प्यार का इजहार करें। आखिर वह बहन ही तो है, जिसने हर शरारत में आपका साथ दिया है, तो मां-बाबा की मार-पिटाई से भी बचाया है। तो फिर इस रक्षाबंधन अपनी बहन के लिए प्यारभरा खत लिखें, जिसके जरिए आप उसे बताएं कि आप उसे कितना प्यार करते हैं और वह आपकी जिंदगी में क्या मायने रखती है।

एक स्पेशल ट्रिब्यूट बदल देगा सब
आपकी बहन ने आपकी होमवर्क करने में खूब मदद की होगी। हो सकता है कि स्कूल-कॉलेज में अन्य लोगों के साथ झगड़े से भी आपको बचाया तो। तो फिर क्यों न अपनी इस हीरो को एक स्पेशल ट्रिब्यूट दिया जाए? इसके लिए आप रक्षाबंधन के मौके पर अपनी बहन को कहीं घुमाने ले जा सकते हैं। उसे मूवी दिखा सकते हैं या फिर शॉपिंग करा सकते हैं।

पुरानी फोटोज का कोलाज
बचपन से लेकर जवानी तक के साथ बिताए पलों को जब आप याद करते हैं तो अनायास ही चेहरे पर मुस्कराहट आ जाती है। कई बार आप पुराने किस्सों का जिक्र भी आपस में करते होंगे तो फिर खूब हंसते होंगे। लेकिन कैसा रहेगा कि उन यादों को एक कोलाज या फिर मूवी के रूप में सहेजकर रखा जाए? भाई ऐसे मौके पर अपनी बहनों को बचपन से लेकर कॉलेज तक की यादों की फोटोज का कोलाज बनाकर दे सकते हैं। अगर आपके पास बहन की कोई शरारत भरी विडियो या दोनों की साथ में पुरानी विडियोज हैं तो उनकी एक मूवी सीडी बनाकर बहन के लिए प्ले कर सकते हैं। उसे आपका यह सरप्राइज बहुत अच्छा लगेगा।

बने उसके सुख-दुख का साथी, सुनें हर बात
एक बहन चाहती है कि उसका भाई उसके लिए हमेशा ही एक सुरक्षा कवच बनकर खड़ा रहे। उसकी हर बात सुने और उसका सबसे अच्छा दोस्त बने। ऐसा इसलिए क्योंकि एक बहन की लाइफ में सबसे पहला लड़का उसका खुद का भाई ही होता है। अगर बहन छोटी है और स्कूल या कॉलेज या कहीं बाहर जाती है, तो जब वह घर वापस आए उसके साथ बैठें। बात करें। उससे पूछें कि उसका दिन कैसा गुजरा। कहीं कोई परेशानी तो नहीं हुई। इस तरह की बातों से बहन को लगेगा कि हां मम्मी-पापा के अलावा भी कोई है जो उसकी परवाह करता है।

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