बसपा विधायक की मदद से जिपं अध्यक्ष बने रहेंगे भाजपा के शिवचरण बड्डा

दमोह
 जिला पंचायत अध्यक्ष के विरुद्ध नौ सदस्यों द्वारा लाया गया प्रस्ताव आखिरकर गिर गया है। एक सदस्य की गैरमौजूदगी इसका कारण बनी। हालांकि, सदस्य पहले ही आरोप लगा चुके थे कि बसपा विधायक रामबाई और उनके परिजन लगातार कुछ सदस्यों पर दबाव बनाए हुए है। परिणाम के दिन यह सच होता भी नजर आया।

पथरिया क्षेत्र की एक सदस्य सम्मिलन में शामिल नहीं हुई और अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। प्रस्ताव गिरने के बाद शिवचरण पटैल भी रामबाई को अपनी बेटी होना बताते नजर आए। ऐसे में लोग कहते नजर आए कि बसपा विधायक की मदद से जिला पंचायत अध्यक्ष बने रहेंगे भाजपा के शिवचरण पटैल। इस पूरे प्रकरण में सांसद प्रहलाद पटैल को चुनाव के पहले बड़ा झटका लगा है। एक दिन पहले ही उन्होंने प्रेसवार्ता कर भाजपा समर्थित तीन सदस्यों को शिवचरण के पक्ष में जाने की चेतावनी दी थी, लेकिन उनकी सदस्यों ने एक न सुनी और अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अन्य सदस्यों के साथ डटे नजर आए। गनीमत रही कि चंद्रवती अठ्या अुनपस्थित रही।

 

बने रहे बड्डा, लेकिन सांसद के गुब्बारे फुस्स
इधर यह प्रकरण सामने आने के बाद सांसद प्रहलाद पटैल भी श्रेय लेने की होड़ में सदस्यों को चेतावनी देते नजर आए। इतना ही नहीं वह सदस्यों को यह भी बताते नजर आए कि वह दमोह से ही लडऩे वाले है, लेकिन १२ फरवरी हो हुए सम्मिलन में उनके छोड़े गए गुब्बारे फुस्स नजर आए।

ऐसे चला पूरा घटनाक्रम 
उपाध्यक्ष की वोटिंग के दौरान जिपं सदस्य चंद्रवती अठ्या की इस सम्मिलन में गैरमौजूदगी के बाद देर रात दो जिपं सदस्यों पर पथरिया में अपहरण का मामला दर्ज होता है। जिसमें विधायक रामबाई के हस्तक्षेप होने के बात सामने आती है। इसके दूसरे दिन ही चंद्रवती अठ्या एसपी और एसडीएम कार्यालय पहुंचकर अपहरण की बात से इंकार करती है। जहां भी रामबाई की मौजूदगी और हस्तक्षेप नए सवाल खड़े करती है। हालांकि, रामबाई स्वयं इसे अपने क्षेत्र की जनता के लिए महत प्रतिबद्धता बताती है।

 

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