बसंत पंचमी पर आज कुंभ का तीसरा और अंतिम शाही स्नान

 
नई दिल्ली 

 बसंत पंचमी के दिन आज त्रिवेणी संगम की नगरी प्रयागराज में कुंभ का तीसरा और अंतिम शाही स्नान किया जा रहा है. संगम तट पर बसंत पंचमी के दिन स्नान, पूजा, पाठ, दान का विशेष महत्व होता है. 15 जनवरी से शुरू हुए कुंभ के महापर्व में अब तक करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. अनुमान है कि इस बार बसंत पंचमी के दिन कुंभ में लगभग 2 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंच सकते हैं. बसंत पंचमी के दिन जो लोग कुंभ में जाकर स्नान नहीं कर सकते हैं वो घर में स्नान के पानी में गंगाजल डालकर स्नान जरूर करें.

बसंत पंचमी पर स्नान का महत्व-

बसंत पंचमी के पवित्र अवसर पर कुंभ में स्नान का विशेष महत्व है. बसंत पंचमी के मौके पर किया जा रहा स्नान अमृत स्नान के समान माना जाता है.  प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी का संगम होता है. मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन सरस्वती नदी में स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है साथ ही व्यक्ति को महापुण्य मिलता है. ये भी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के बाद बसंत पंचमी पर संगम स्नान करने से पूर्ण कुंभ स्नान का फल मिलता है.
 
बसंत पंचमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त-

बसंत पंचमी पूजा मुहूर्त: सुबह 7.15 बजे से दोपहर 12.52 बजे तक.

पंचमी तिथि प्रारंभ: मघ शुक्ल पंचमी शनिवार 9 फरवरी की दोपहर 12.25 बजे से शुरू.

पंचमी तिथि समाप्त: रविवार 10 फरवरी को दोपहर 2.08 बजे तक.

सुरक्षा के इंतजाम-

बसंत पंचमी पर कुंभ में आस्था की डुबकी लगाने भारी तादाद में श्रद्धालुओं के उमड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है. भिड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किए हैं. बसंत पंचमी के स्नान के लिए 8 फरवरी से लगभग 130 स्पेशल ट्रेन और 4000 से ज्यादा बसें चलाई जा रही हैं, जिसमें 500 शटल बसें शामिल हैं.

श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए जगह-जगह पुलिस अधिकारी तैनात किए गए हैं. माना जा रहा है कि मौनी अमावस्या की तरह इस बार भी उम्मीद से ज्यादा श्रद्धालु कुंभ में आस्था की डुबकी लगा सकते हैं. इसलिए ट्रैफिक को कंट्रोल में रखने के लिए कई नए प्लान बनाए गए हैं. जिला और मेला क्षेत्र में भारी वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह ही कोई समस्या नहीं हो. सीसीटीवी कैमरों की मदद से पूरे कुंभ मेले की निगरानी रखी जा रही है.

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