बरी होने के बाद फिर हाईकोर्ट में इस शख्स ने लगाई याचिका

रायपुर
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक अनोखी याचिका प्रस्तुत की गई है. इस याचिका में कहा गया था कि उसे संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया गया है. इससे उसकी समाज में छवि पर विपरीत असर पड़ेगा. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने स्पेशल कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले में उल्लेखित संदेह के लाभ में दोषमुक्त किए जाने के शब्द को हटाने का आदेश दिया है.

दरअसल एमपी एग्रोइंडस्ट्रीज में डिस्ट्रिक्ट मैनेजर के पद में पदस्थ मोहम्मद अजहर हुसैन के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया. उसके बाद स्पेशल कोर्ट में चालान पेश किया गया. मामले में ट्रायल पूरा होने के बाद उसे संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया गया.

हुसैन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर किया, जिसमे कहा गया कि उसे संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किए जाने का शब्द लगाया गया है, उसे हटाया जाए क्योंकि इस शब्द से समाज में उसकी छवि पर विपरीत असर पड़ेगा. हुसैन के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में सुप्रीमकोर्ट द्वारा दिए गए ऐसे कई मामलों का हवाला भी दिया गया था. मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता हुसैन पर लगे संदेह के लाभ से दोषमुक्त किए जाने के शब्द को हटाने के निर्देश दिए है.

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