बड़े विज्ञापन लगाना अब नहीं होगा आसान, निगम ने तैयार किया वसूली का नया प्लान

रायपुर
छत्तीसगढ़ में होर्डिंग पॉलिसी (Hoarding policy) के तहत शहर में दुकानों के नाम के साथ मल्टीनेशनल कंपनियों (Multinational companies) के बड़े विज्ञापन पर नगर निगम (municipal Corporation) ने टैक्स (Tax) वसूलने का फैसला लिया है. निगम ने इस काम के लिए रांची की एक कंपनी को ठेका दिया है. कहा जा रहा है कि राजधानी के करीब डेढ़ हजार से भी ज्यादा दुकानों का सर्वे किया जा चुका है. ये रिपोर्ट (Report) आयुक्त को सौंप दी गई है. अब इस रिपोर्ट के ही आधार पर जल्द निगम वसूली (Recovery) की शुरूआत करने वाला है.

राजधानी की दुकानों में लगे बड़े विज्ञापनों से अब टैक्स वसूली की जाएगी. इस दायरे में ग्लोसाइन बोर्ड (Glossing board) , नियोन साइन, इलेक्ट्रॉनिक साइन (Electronic sign) और वीडियो प्रदर्शन बोर्ड में विज्ञापन के लिए ये नियम लागू किया जा रहा है. यानि दुकानों में अगर अपने दुकान के नाम और पते के अलावा किसी दूसरे उत्पाद या ब्रांड का नाम लिखा हो तो टैक्स वसूला जाएगा. इस मामले में नगर निगम कमिश्रर शिव अनंत तायल का कहना है कि कमर्शियल और प्राइवेट (Private) दोनों में अलग तरीके से टैक्स वसूला का प्रावधान है. निगम ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है.

नगर निगम को ब्रांडेड कंपनियों (Branded companies) की होर्डिंग से तकरीबन 1 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व (Revenue) मिलता है. शहर में इस तरह के होर्डिंग्स की संख्या 1 लाख से ज्यादा है. इस संख्या की पुष्टि के लिए जोनवार सर्वे के लिए रांची की कंपनी स्पेरो सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड को ठेका दिया गया था. बताया जा रहा है कि कंपनी ने सर्वे पूरा कर लिया है. महापौर प्रमोद दुबे (Pramod Dubey) के मुताबिक पॉलिसी के तहत 20 वर्गफीट तक की होर्डिंग को शुल्क से बाहर रखा गया है. इससे ज्यादा होने पर प्रतिवर्ग फीट 100 रूपए के हिसाब से विज्ञापन शुल्क देना होगा. वहीं दुकानों या कॉम्प्लेक्स के बाहर निगम की बिना अनुमति के विज्ञापन करने और निर्धारित शुल्क नहीं देने पर दोगुनी पेनाल्टी वसुलने का प्रवाधान किया गया है.

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