ईस्ट दिल्ली में पार्किंग कॉन्ट्रैक्टर सड़कों से उठाएंगे गाड़ियां, किलो के हिसाब से होगा चालान

 
नई दिल्ली

मुख्य सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए ईस्ट एमसीडी एक नई योजना बना रही है। इस योजना के तहत कॉन्ट्रैक्टर दोनों जोन की पार्किंग चलाने के साथ-साथ मुख्य सड़कों पर खड़ी गाड़ियों को भी उठाएंगे। इसके बाद इन गाड़ियों का किलो के हिसाब से चालान काटा जाएगा। चालान से जितना रेवेन्यू आएगा उसका बड़ा हिस्सा एमसीडी को मिलेगा। एमसीडी अधिकारियों का दावा है कि इस नई व्यवस्था से एमसीडी का रेवेन्यू दोगुना हो जाएगा। फिलहाल एमसीडी को दोनों जोन की पार्किंग से रेवेन्यू के रूप में 19 करोड़ रुपये मिलते हैं।
 ईस्ट एमसीडी के आरपी सेल के अनुसार इस समय ईस्ट एमसीडी की 65-70 के करीब पार्किंग चल रही हैं। इसके अलावा इतनी ही पार्किंग अवैध रूप से चल रही हैं, जहां से कोई रेवेन्यू नहीं मिलता। अवैध पार्किंग की समस्या से निपटने और रेवेन्यू बढ़ाने के लिए एमसीडी दोनों जोन की पार्किंग को अलग-अलग कॉन्ट्रैक्टर को देने की योजना बना रही है। दोनों जोन की पार्किंग एक ही कॉन्ट्रैक्टर को देने का विकल्प भी खुला रखा हुआ है, लेकिन इसके लिए कॉन्ट्रैक्टर को सबसे ऊंची बोली लगानी होगी।

पार्किंग साइटों पर अत्याधुनिक तकनीक इस्तेमाल पर जोर
एमसीडी अधिकारियों का कहना है कि इस समय दोनों जोन में 34 पार्किंग कॉन्ट्रैक्टर हैं। इनमें से कई कॉन्ट्रैक्टरों ने एक से अधिक कंपनी भी बना रखी हैं। अधिकारियों का कहना है कि अभी तक छोटे मोटे कॉन्ट्रैक्टर ही काम कर रहे हैं। इस वजह से पार्किंग में अत्याधुनिक तकनीक का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं हो पाता। इस फील्ड में बड़े और अनुभवी कॉन्ट्रैक्टर के आने से पार्किंग साइटों पर अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल हो सकेगा। इससे ग्राहकों को भी फायदा होगा। उन्हें पार्किंग में गाड़ी लगाने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने में अभियान से मदद मिलेगी
पार्किंग कॉन्ट्रैक्टर को एमसीडी से टू वे राइट्स (सड़क पर खड़ी किसी गाड़ी को क्रैन से उठाकर एमसीडी की साइट पर ले जाने) मिलने के बाद मुख्य सड़कों को अतिक्रमण फ्री करने में भी मदद मिलेगी। अधिकारी ने बताया कि इस समय ईस्ट दिल्ली की दर्जनों ऐसी सड़के हैं, जहां अवैध रूप से गाड़ियां खड़ी रहती हैं। इस वजह से ट्रैफिक आने जाने में दिक्कत होती है। कई जगह पर तो इस वजह से लोगों को भयंकर ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है।

भारी-भरकम चालान के कारण कम होगा अतिक्रमण
अधिकारियों के अनुसार, पुश्ता रोड, वजीराबाद रोड और विकास मार्ग पर इस योजना के लागू होने के बाद लोग सड़क पर गाड़ियां खड़ी करने से डरेंगे, क्योंकि किलो के हिसाब से मोटा चालान कोई नहीं देना चाहेगा। उनका यह भी मानना है कि वैसे भी इस समय ईस्ट एमसीडी में जितने भी कॉन्ट्रैक्टर हैं उनमें से एक भी कॉन्ट्रैक्टर खुद पार्किंग नहीं चलाता, बल्कि टेंडर मिलने के बाद वे पार्किंग को आगे छोटे मोटे ठेकेदारों को ठेके पर दे देते हैं।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *