बछड़े की मौत का बदला लेने के लिए डाला जहर, एक बाघिन और दो शावकों की मौत

 
नागपुर 

महाराष्ट्र के नागपुर में ब्रह्मपुरी वन प्रभाग के चिमूर रेंज में एक बाघिन और उसके दो शावकों की मौत ने हर किसी को हिलाकर रख दिया है। इन मौतों के बाद पिछले 12 दिनों में चार बाघों की मौत हो चुकी है। पांच साल की बाघिन और 12 महीनों के शावकों की मौत की जांच में चौंकानेवाली जानकारी सामने आई है। इनकी मौत जहर के कारण हुई। 

सूत्रों ने कहा कि 62 वर्षीय पांडुरंग चौधरी के बछड़े को कुछ कुत्तों ने मार दिया था। बदला लेने के लिए चौधरी ने अपने बछड़े के शव पर कीटनाशक डालकर फेंक दिया था। बाघिन और शावकों ने उस बछड़े के जहरीले मांस को खा लिया, जिससे उनकी मौत हो गई। सोमवार सुबह इनके शव मिले थे। 

आरोपी पांडुरंग चौधरी गिरफ्तार 
ब्रह्मपुरी के उप-संरक्षक कुलराज सिंह ने कहा कि हमने पांडुरंग चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने कुत्तों को मारने के लिए बछड़े के शव को जहर डालने की बात कबूली है। बाघों के शव पर कोई अन्य चोट नहीं मिले हैं। 
 
इलाके में वन्यजीवों को बचाने के लिए काम करने वाली एक गैर सरकारी संस्था ZEP के प्रमोद नागरे ने कहा कि ब्रह्मपुरी डिविजन इंसान-बाघ संघर्ष के लिए जाना जाता है। यहां बाघ ज्यादातर मवेशियों पर निर्भर रहते हैं। कौन विश्वास करेगा कि आरोपी कुत्तों को मारने के लिए बछड़े को जहर दे सकता है? इस इलाके में छह महीने में जहर देने का यह दूसरा मामला सामने आया है। 

अब तक 63 बाघों की मौत 
इससे पहले 26 जून को मुल के सौली में एक नन्हें शावक को मृत पाया गया। पिछले दो महीनों में दो बाघों के मारे जाने की आशंका थी, जबकि एक की मौत पिछले साल हुई थी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के आधिकारिक डेटाबेस ने अब तक इन मौतों को दर्ज नहीं किया है। इन मौतों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर मृत बाघों की संख्या 63 हो गई है। चार्ट में एमपी सबसे ऊपर है 18 मौतों में से 14 बाघों की मौत अकेले महाराष्ट्र में हुई है। 
 

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