बच्चों को किशमिश खिलाने का सही समय, फायदे और नुकसान

ड्राई फ्रूट्स खाना आखिर किसे अच्छा नहीं लगता है। सभी तरह के मेवों में किशमिश का एक अलग ही महत्व है। किशमिश खनिज, विटामिन और कार्बोहाइड्रेट का प्राकृतिक स्रोत है। मुट्ठी भर किशमिश खाने से शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है। अगर बच्चों की बात करें तो बच्चों के आहार में किशमिश मिलाने से उन्हें पर्याप्त पोषक तत्व मिलता है जो किसी अन्य आहार से नहीं मिलता है। लेकिन यदि आपके बच्चे ने अभी सॉलिड फूड लेना शुरू ही किया है तो उसे किशमिश नहीं खिलाना चाहिए। आज हम आपको बच्चे को किशमिश खिलाने का सही समय और इसके फायदे एवं नुकसान के बारे में बताएंगे।

​बच्चों को किशमिश कब खिलाना चाहिए?
आमतौर पर 8 महीने की उम्र के बाद जब बच्चा भोजन चबाना शुरू कर देता है तब उसे किशमिश खिलाना चाहिए। इसके साथ ही बच्चा जब बिल्कुल सीधा होकर बैठने लगे और अपने अंगूठे और तर्जनी उंगली के बीच छोटी चीजों को पकड़ने लगे तब उसे किशमिश खिलाना शुरू कर देना चाहिए। शिशुओं को जूस, प्यूरी के रूप में या मसलकर किशमिश खिलाना चाहिए।

​बच्चों को किशमिश खिलाना कितना सुरक्षित है?
किशमिश बच्चों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। लेकिन यह आकार में काफी छोटी होती है इसलिए बच्चे के गले में फंसने का जोखिम रहता है। इसलिए किशमिश को मसलकर बच्चों को आहार में मिलाकर खिलाना सुरक्षित होता है।

​बच्चों को किशमिश खिलाने के फायदे
    किशमिश खिलाने से बच्चों के शरीर को अधिक एनर्जी मिलती है जो उनके विकास के लिए जरूरी है। इसके अलावा भी सेहत को कई फायदे होते हैं।
    किशमिश में फॉस्फोरस, कैल्शियम और पोटैशियम पाया जाता है जो बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करता है।
    बच्चों को किशमिश खिलाने से मस्तिष्क को पोषण मिलता है और यादाश्त मजबूत होती है।
    किशमिश में उच्च मात्रा में फाइबर होता है जो बच्चे के पाचन को बेहतर बनाता है।
    किशमिश बच्चे के शरीर में अम्ल-क्षार के संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करता है।
    बुखार में बच्चे को किशमिश का पानी पिलाने से बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है।

​बच्चों को किशमिश खिलाने के नुकसान
    वैसे तो किशमिश एनर्जी का अच्छा स्रोत है लेकिन इससे बच्चे की सेहत को नुकसान भी पहुंच सकता है।
    किशमिश खिलाने से बच्चे को एलर्जी और गले में अटकने का जोखिम होता है।
    किशमिश मीठा और चिपचिपा होता है इसलिए बैक्टीरिया के कारण बच्चे की दांतों में समस्या हो सकती है।
    किशमिश में ग्लूकोज और फ्रक्टोज के कारण ग्लाइसेमिक की स्तर अधिक होता है जिससे बच्चे का ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।
    अधिक किशमिश खिलाने से बच्चे का वजन भी बढ़ सकता है।

इस प्रकार बच्चे की सही उम्र को ध्यान में रखकर ही उसे सीमित मात्रा में ही किशमिश खिलाना चाहिए। वैसे तो किशमिश बच्चे की सेहत के लिए फायदेमंद है लेकिन किसी तरह का साइड इफेक्ट होने पर किशमिश खिलाना बंद कर देना चाहिए।

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