आशीष नेहरा ने कहा- धोनी जब आए थे तब बेस्ट विकेटकीपर नहीं थे, लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत की
नई दिल्ली
टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा का मानना है कि महेंद्र सिंह धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट में खराब शुरुआत जब पहली सेंचुरी ठोकी थी, तो उन्होंने दिखा दिया था कि वो कितने अच्छे खिलाड़ी हैं। धोनी ने विशाखापट्टनम वनडे में पाकिस्तान के खिलाफ करियर की पहली वनडे इंटरनेशनल सेंचुरी ठोकी थी। 15 साल पहले इसी तारीख (5 अप्रैल) को धोनी ने करियर की पहली सेंचुरी ठोकी थी। धोनी ने 123 गेंद पर 148 रन ठोके थे और उसके बाद नेहरा ने चार विकेट लिए थे, जिसके दम पर टीम इंडिया ने 58 रनों से जीत दर्ज की थी।
नेहरा की माने तो इस पारी से टीम मैनेजमेंट को यह कॉन्फिडेंस मिला था कि टीम इंडिया को एक अच्छा विकेटकीपर बल्लेबाज मिल गया है। उन्होंने कहा, 'उस पारी से टीम को यह विश्वास हो गया था कि हमारे पास भी एक अच्छा विकेटकीपर बल्लेबाज हो सकता है।' उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 'धोनी के लिए शुरुआती कुछ मैच अच्छे नहीं रहे थे, लेकिन उनके जैसे आत्मविश्वासी इंसान को अगर मौका मिल और वो उसको भुना ले, तो उन्हें वापस खींचना मुश्किल हो जाता है।'
'धोनी की ताकत है उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस'
उन्होंने कहा, 'धोनी का मजबूत पक्ष उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस है। उस पारी में के साथ ऐसा लगा कि धोनी के मुंह में खून लगा था और वो रनों और भूखे हो गए थे। इसके बाद धोनी ने शायद ही कभी नंबर-3 पर बल्लेबाजी की, लेकिन उन्होंने अपना नाम बना लिया था। उस सीरीज में हमने बाकी चार मैच गंवा दिए थे, लेकिन सीरीज में धोनी टीम इंडिया की खोज रहे।' नेहरा ने बताया कि उनकी बल्लेबाजी ने उन्हें दिनेश कार्तिक और पार्थिव पटेल से बेहतर विकल्प बना दिया था।
'जब आए थे धोनी तब बेस्ट विकेटकीपर नहीं थे'
उन्होंने कहा, 'धोनी बेस्ट विकेटकीपर नहीं थे, जब वो टीम में आए थे, उनसे पहले जो भी खेले वो बेहतर विकेटकीपर थे। वो किरन मोरे और नयन मोंगिया जैसे नहीं थे। उनके अनुशासन, जुनून, कंपोजर और कॉन्फिडेंस ने उन्हें सबसे अलग लाकर खड़ा कर दिया। धोनी ने वो किया जो दिनेश कार्तिक और पार्थिव पटेल नहीं कर सके थे। उन्होंने मौके का फायदा उठाया। धोनी उस समय बेस्ट बल्लेबाज या बेस्ट विकेटकीपर नहीं थे, लेकिन बेस्ट विकेटकीपर बल्लेबाज थे। उन्होंने अपने खेल पर काफी मेहनत की, उन्हें पता था कि उन्हें क्या करना है और इस तरह वो ऐसे विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए जिसे रिप्लेस नहीं किया जा सके।'