बंगाल की चुनौती इंदौर से बड़ी, पार्टी कहेगी तो लडूंगा चुनाव : विजयवर्गीय

इंदौर
 मध्य प्रदेश की हाई प्रोफ़ाइल सीटों में से एक इंदौर पर अब तक दोनों ही पार्टियां प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है, वहीं राजनीति का पारा बढ़ता ही जा रहा है| इस सस्पेंस के चलते नए नए कयासों का दौर जारी है| इस बीच इंदौर सीट पर प्रत्याशी को लेकर बंगाल में कमल खिलाने की जिम्मेदारी निभा रहे पश्चिम बंगाल के प्रभारी और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव ने चुप्पी तोड़ी| इंदौर से चुनाव लड़ने पर कहा बंगाल की चुनौती इंदौर से बड़ी है, फिर भी पार्टी कहेगी तो चुनाव लडूंगा| बता दें कि इंदौर से ताई के चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान के बाद विजयवर्गीय बड़े दावेदार हैं, हालाँकि वे बंगाल की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं| वहीं पार्टी अभी इस सीट के लिए दमदार चेहरे पर मंथन कर रही है, इसलिए उनके चुनाव लड़ने की चर्चाएं जारी हैं|

इंदौर में मीडिया से चर्चा करते हुए विजयवर्गीय ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन द्वारा पत्र लिखे जाने और नाराजगी पर उन्होंने कहा कि पार्टी ने 75 पार के नेताओं को टिकट नहीं देने का फैसला लिया है। ताई ने भी पार्टी के उस फैसले का सम्मान किया है। इसमें किसी तरह का विवाद नहीं है। बंगाल चुनाव पर उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में जनता मोदीजी की दीवानी है। हम बंगाल में बड़ी जीत दर्ज करेंगे। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा वो इंदौर से चुनाव इसलिए नही लड़ रहे है क्योंकि बंगाल उनके लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है इतना ही नही उन्होंने ये भी कहा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी वो रिजल्ट लाएगी जिसकी लोगो ने कल्पना नही की होगी | उन्होंने बताया की बंगाल की जनता पीएम मोदी की दीवानी है और ममता के आतंक के खिलाफ लोग निश्चत रूप से मोदी जी को वोट करेंगे।  

दिग्विजय पता नही क्यों सुसाइड कर रहे

बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भोपाल से दिग्विजयसिंह के चुनाव लड़ने पर कहा कि  दिग्विजय सिंह भोपाल से लड़ रहे है पता नहीं क्यों सुसाइड कर रहे है, कमलनाथ जी ने उन्हें कैसे फंसा दिया। उन्होंने कहा कि भोपाल में शिवराज सिंह चौहान और उमा भारती बड़े नाम है वहां तो पार्टी का छोटा कार्यकर्ता भी दिग्विजयसिंह को हरा देगा। वही कमलनाथ सरकार के द्वारा पेंशन घोटाले की फिर से जाँच के सवाल पर विजयवर्गीय ने कहा कि सरकार करे जांच बहुत अच्छी बात है जो करना है वो करे। हालांकि विजयवर्गीय ने सवाल भी उठाए और कहा कि वो स्वय रंगे हाथ भ्रष्टाचार में पकड़ा गए है। प्रदेश में ट्रांसफर उद्योग का जितना पैसा था वो सब हवाले के माध्यम से रिकार्ड में आ गया जिसमे यहां से लेकर दिल्ली तक के नेता फंसे है और अब सीएम कमलनाथ, दिग्विजयसिंह और पूरी सरकार का मुंह काला हो गया है तो दुसरो के ऊपर कीचड़ उछलने की कोशिश की जा रही है।

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