फेयरवेल पार्टी में इस तरह शामिल हुए वकील, दिल्ली हिंसा पर टिप्पणी करने वाले जस्टिस मुरलीधर को दी गई विदाई

 नई दिल्ली 
दिल्ली हिंसा को लेकर आधी रात को सुनवाई करने वाले जज एस मुरलीधर का गुरुवार को विदाई हो गई। उनको विदाई देने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट परिसर में सैकड़ों की संख्या में वकील जुटे हुए थे। जस्टिस एस मुरलीधर के विदाई के दौरान एक फोटो भी सामने आया है जिसमें आप देख सकते हैं कि वकील कोर्ट बिल्डिंग की सीड़ियों पर लाइन लगाकर खड़े हैं। जस्टिस एस मुरलीधर शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायायल में शपथ लेंगे। बताया जा रहा है कि जस्टिस एस मुरलीधर की विदाई के लिए वकीलों को काफिला पंजाब तब जाएगा।

दरअसल दिल्ली हिंसा को लेकर जस्टिस एस मुरलीधर ने आधीर रात को सुनवाई की थी और घायलों को समुचित इलाज और सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश भी दिया था। बाद में इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष स्थान्तरित कर दिया गया था। वहीं दूसरी ओर, दिल्ली उच्च न्यायालय ने भाजपा के तीन नेताओं के नफरत भरे भाषणों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में दिल्ली पुलिस की नाकामी पर 'रोष जताया और पुलिस आयुक्त से बृहस्पतिवार तक 'सोच-समझकर' फैसला लेने को कहा। 

अदालत ने सुनवाई के दौरान हाजिर विशेष पुलिस आयुक्त को 'रोष' के बारे में आयुक्त को बता देने को कहा। अदालत ने कहा कि शहर में बहुत हिंसा हो चुकी है तथा नहीं चाहते हैं कि शहर फिर से 1984 की तरह के दंगों का गवाह बने। न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह ने कहा था कि पुलिस जब आगजनी, लूट, पथराव की घटनाओं में 11 प्राथमिकी दर्ज कर सकती है, तो उसने उसी तरह की मुस्तैदी तब क्यों नहीं दिखाई जब भाजपा के तीन नेताओं -अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा के कथित नफरत वाले भाषणों का मामला उसके पास आया। 

पीठ ने कहा था कि इन मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने के संबंध में आपने उसी तरह की तत्परता क्यों नहीं दिखायी ? हम शांति कायम करना चाहते हें । हम नहीं चाहते हैं कि शहर फिर से 1984 की तरह के दंगों का गवाह बने। शहर काफी हिंसा और आक्रोश देख चुका है …1984 को दोहराने मत दीजिए।

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