फारुक बोले, कश्मीर समस्या के लिए पाक से हो बात

कश्मीर 
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला ने कश्मीर समस्या के समाधान के लिए पाकिस्तान से बातचीत करने की वकालत की है। इसके साथ ही उन्होंने सूबे की विधानसभा को भंग करने के राज्यपाल के फैसले पर भी सवाल खड़े किए। शुक्रवार को लोकसभा में फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य कठिन परिस्थितयों से गुजर रहा है और इसका समाधान सेना या पुलिस नहीं है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की स्थिति पर दिलीप पडगांवकर समिति ने सभी से बात करके एक रिपोर्ट तैयार की थी, लेकिन रिपोर्ट कहां है।  

उन्होंने कहा कि राज्य में राज्यपाल शासन लगाया गया है, लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं है। जम्मू कश्मीर के विकास के लिए काफी प्रयास किए जाने की जरूरत है। जम्मू, लद्दाख और कश्मीर की अलग-अलग स्थितियां हैं और सभी को समग्र दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है। नैशनल कॉन्फ्रेंस के लीडर ने कहा, 'कश्मीर समस्या का तब तक कोई समाधान नहीं निकल सकता, जब तक कि हमारे पड़ोसी देश (पाकिस्तान) से बात नहीं की जाती।’ 

फारुक अब्दुल्ला ने नैशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस के प्रस्तावित गठबंधन द्वारा राज्य में सरकार बनाने के प्रयास का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य के राज्यपाल की फैक्स मशीन काम नहीं कर रही थी, फोन काम नहीं कर रहा था । ऐसे में वह कहना चाहेंगे कि राज्यपाल का आवास बहुमत साबित करने का स्थान नहीं है, यह स्थान विधानसभा ही है। 

उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने इंतजार नहीं किया और विधानसभा भंग कर दी। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने करतापुर साहिब गलियारे की तरह से ही शारदापीठ कॉरिडोर बनाए जाने की मांग की। उन्होंने राजनीतिक दलों से राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में सहयोग करने का आग्रह किया। 

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