फानी तूफान : जानिए-तूफानों की कहानी, कब हुई थी नामकरण की शुरूआत

नई दिल्ली
चक्रवात तूफान फानी कहर बरपाने को तैयार है। मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल 175-185 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है। 

चक्रवाती तूफान फानी पुरी तट से टकरा गया है। पुरी में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। ओडिशा, आंध्रप्रदेश और पश्चित बंगाल में अलर्ट जारी कर दिया है। लेकिन क्या आप जानते है कि तूफानों का नाम किस तरह से निर्धारित किया जाता है। 

सबसे पहले हम बताएंगे कि फोनी का मतलब क्या होता है और इसे किस देश ने नाम दिया है। आइए तूफानों के नाम की दिलचस्प कहानी जानते है जानते है।

फानी का नाम बांग्लादेश ने दिया है और इसका मतलब फन वाला सांप होता है। इससे पहले हम सबने नीलोफर, तितली, बिजली जल आदि तूफानों का नाम सुना है। फानी, उष्णकटिबंधीय तूफान है। दुनिया के अलग अलग हिस्सों में उष्णकटिबंधीय तूफानों को अलग अलग नाम से जाना जाता है। 

आधिकारिक तौर पर तूफानों के नाम रखने की शुरुआत 1953 से शुरू हुई। ये बात अलग है कि सभी तूफानों का नामकरण नहीं किया जाता है। किसी भी तूफान का नामकरण तब किया जाता है जब उसकी स्पीड कम से कम 63 किमी प्रति घंटा हो। इसके साथ ही अगर तूफान की रफ्तार 118 किमी प्रति घंटा होता है तो उसे गंभीर तूफान माना जाता है। इसके अलावा अगर तूफान की रफ्तार 200 किमी प्रति घंटे से ज्यादा होता है तो उसे सुपर साइक्लोन की श्रेणी में रखते हैं। 

फानी तूफान का जन्म हिंद महासागर के उत्तरी इलाके में हुआ है ऐसे में तूफान के नाम का रखने की जिम्मेदारी उस क्षेत्र में आने वाले देशों की होती है। इस दफा इस सुपर साइक्लोन का नाम बांग्लादेश ने दिया है जिसका अर्थ सांप है।

अब बताते हैं कि तूफान का जेंडर क्या है। मेल जेंडर में तूफान आता है। लेकिन पहले तूफान को सिर्फ महिलाओं का नाम मिलता था। अमेरिकी मौसम विभाग ने 1953 में तय किया कि अंग्रेजी वर्णमाला के ए से लेकर डब्ल्यू तक जितने भी नाम महिलाओं के नाम हो सकते हैं उसी आधार पर तूफान का नामकरण किया जाए। लेकिन महिला संगठनों के विरोध के बाद तूफान का नाम पुरुषों के नाम पर भी किया जाने लगा। 

भारतीय उपमहाद्वीप के साथ साथ हिंद महासागर के करीब वाले देशों में तूफान का नामकरण साल 2000 के बाद शुरू हुआ जिसमें बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार शामिल हैं।

तूफानों का नाम देने का सिलसिला अब वल्र्ड मेट्रोलॉजिकल संगठन करता है। इसके हिसाब से जिस इलाके में तूफान आएगा उसका नाम वहां की क्षेत्रीय एजेंसिया करेंगी। इसके मुताबिक किसी भी वर्ष की शुरुआत में आने वाले पहले तूफान को ए और फिर अगले तूफान को बी नाम दिया जाएगा। ईवन नंबर वाले वर्षों जैसे 2016 को पुरुष और ऑड वर्षों जैसे 2017 को महिला नाम दिया जाएगा।

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