फाइनल टाई रहा तो दोनों टीमें बनेंगी संयुक्त विजेता

नयी दिल्ली
इंग्लैंड के लार्ड्स मैदान में एकदिवसीय विश्वकप का फाइनल का फैसला निर्धारित और सुपर ओवर के टाई रहने के बाद बाउंड्री काउंट के आधार पर किया गया था लेकिन एक अगस्त से शुरू हो रही विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल यदि टाई या ड्रॉ रहता है तो दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया जाएगा। टेस्ट क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने के लिये आईसीसी ने आधिकारिक रूप से सोमवार को पहली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप को लांच कर दिया और इसकी शुरूआत एक अगस्त को पहले एशेज़ टेस्ट से होगी। विश्व चैंपियनशिप दुनियाभर में चल रही टी-20 लीग की तरह ही लीग होगी लेकिन यह टेस्ट क्रिकेट की लीग होगी।

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप दो साल के चक्र में खेली जाएगी और इसका पहला मैच एजबस्टन में एक अगस्त से आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच होगा। यह चैंपियनशिप 31 मार्च 2021 तक चलेगी और शीर्ष दो टीमें 10 से 14 जून 2021 तक होने वाले फाइनल में भिड़ेंगी। इस चक्र के दौरान 12 पूर्ण सदस्य देशों में से नौ देश 27 सीरीज़ में मुकाबला करेंगे। इन नौ टीमों में आस्ट्रेलिया, बंगलादेश, इंग्लैंड, भारत, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और वेस्टइंडीज़ हैं। एकदिवसीय विश्वकप के नाटकीय फैसले के बाद विश्व चैंपियनशिप को लेकर भी यह सवाल उठाया गया है कि यदि यह ड्रॉ या टाई रहा तो विजेता का फैसला कैसे होगा। इस सूरत में दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया जाएगा। हालांकि खेलने की शर्ताें के आधार पर रिजर्व दिन भी रखा गया है। लेकिन इसका इस्तेमाल तभी होगा जब फाइनल के निर्धारित पांच दिनों के दौरान निर्धारित खेलने के समय में कोई नुकसान होता है। निर्धारित खेलने का समय रोजाना छह घंटे के हिसाब से कुल 30 घंटे है। रिजर्व दिन का इस्तेमाल तभी होगा यदि प्रत्येक दिन के खेल में होने वाले नुकसान की भरपाई उस दिन नहीं हो पाती। उदाहरण के लिये यदि बारिश के कारण दिन में एक घंटे का खेल खराब होता है और यदि उसकी भरपाई उसी दिन हो जाती है तो यह माना जाएगा कि कोई नुकसान नहीं हुआ।

यदि पूरे दिन का खेल खराब होता है और अगले चार दिन में तीन घंटे की भरपाई हो पाती है तो बचे समय की भरपाई के लिये रिजर्व दिन का उपयोग किया जाएगा। इस चैंपियनशिप के दौरान टीमें घरेलू और बाहरी आधार पर तीन तीन सीरीज़ खेलेंगी। प्रत्येक सीरीज़ में कम से कम दो और अधिकतम पांच टेस्ट होंगे। हर सीरीज़ के आधार पर टीमों को अंक दिये जाएंगे। लेकिन सीरीज़ में अंकों का बंटवारा कुछ अलग अंदाज़ में होगा। पांच टेस्टों की एशेज़ सीरीज़ के लिये हर जीत पर 24 अंक दिये जाएंगे और दो टेस्टों की सीरीज़ में हर जीत पर 60 अंक दिये जाएंगे। तीन टेस्टों की सीरीज़ में हर जीत पर 40 अंक और चार टेस्टों की सीरीज़ में हर जीत पर 30 अंक दिये जाएंगे। इसी तरह दो, तीन, चार और पांच मैचों की सीरीज़ में ड्रॉ और टाई पर अलग अलग अंक रखे गये हैं। हारने पर कोई अंक नहीं है। हर सीरीज़ में कुल 120 अंक रहेंगे। लीग चरण की समाप्ति के बाद अंक तालिका में शीर्ष पर रहने वाली दो टीमें फाइनल खेलेंगी।
 

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