प्रेग्‍नेंसी में मिसकैरेज से बचने के लिए न खाएं ये चीजें

प्रेग्‍नेंसी एक जटिल प्रक्रिया है। इस दौरान होने वाली मां के शरीर में तमाम हॉर्मोन्‍स की आंधी चलती है। ये हॉर्मोन भ्रूण के लिए मां के शरीर में आवश्‍यक वातावरण बनाते हैं जिसमें अगले नौ महीनों तक उसका विकास होता है। हॉर्मोन्‍स एक किस्‍म के केमिकल हैं, लेकिन यह प्रक्रिया इतनी नाजुक होती है कि गलत किस्‍म के केमिकल इस पूरी प्रक्रिया को खत्‍म कर सकते हैं, मतलब गर्भपात या मिसकैरेज के लिए जिम्‍मेदार बनते हैं।

इसीलिए प्रेग्‍नेंसी के दौरान गर्भवती क्‍या खाए इस पर काफी ध्‍यान दिया जाना चाहिए। जानकारों ने कुछ ऐसे भोज्‍य पदार्थों का जिक्र किया है जिन्‍हें प्रेग्‍नेंसी के समय नहीं खाना चाहिए वरना मिसकैरेज या गर्भपात का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए इन चीजों से प्रेग्‍नेंसी में करें परहेज:

सी फूड
सी फूड खासकर कच्‍चे या अधपके सीफूड में लिस्‍टीरिया नाम का बैक्‍टीरिया होता है। इसकी वजह से गर्भवती महिला को मिसकैरेज या समय से पहले डिलिवरी हो सकती है। इसलिए गर्भावस्‍था में समुद्री जीवों से बने व्‍यंजन न खाएं।

पाइनऐपल
यों तो पाइनऐपल या अनानास स्‍वादिष्‍ट फल है लेकिन इसमें मौजूद bromelain नाम का एंजाइम गर्भवती महिला के गर्भाशय में संकुचन पैदा करता है। इसलिए प्रेग्‍नेंसी में न तो पाइनऐपल खाना चाहिए और न उसका जूस ही पीना चाहिए।

पपीता
एक और लोकप्रिय फल है पपीता जिससे गर्भवती महिलाओं को दूर रहने की सलाह दी जाती है। वजह यह है कि इसमें मौजूद एंजाइम भी गर्भाशय को सिकुड़ने को प्रेरित करते हैं जिनसे गर्भ गिरने का खतरा रहता है।

सहजन की फलियां
सहजन की फलियों या ड्रम स्टिक्‍स में alpha-sitosterol नामका तत्‍व होता है जिसकी वजह से मिसकैरेज हो सकता है।

कलेजी
हालांकि कलेजी में विटमिन ए काफी मात्रा में होता है पर प्रेग्‍नेंसी के दौरान इसे बहुत अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए क्‍योंकि इसमें मौजूद retinol गर्भस्‍थ शिशु पर गलत असर डाल सकता है।

एलोवेरा
एलोवेरा के जेल या जूस में ऐसे तत्‍व होते हैं जो आपके पेट को साफ करते हैं पर यही तत्‍व गर्भाशय को सिकोड़ते भी हैं जिससे गर्भपात का खतरा रहता है। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान इसके किसी भी रूप में सेवन से बचना चाहिए।

कच्‍चे अंडे, बिना उबले डेयरी उत्‍पाद
कच्‍चे अंडों और कच्‍चे दूध और उसके उत्‍पादों में बैक्‍टीरिया आसानी से पनप सकते हैं। इन्‍हें खाने से फूड पॉयज़निंग हो सकती है जिससे गर्भस्‍थ बच्‍चे को नुकसान हो सकता है गर्भपात का भी जोखिम होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *