प्रेग्‍नेंसी के शुरूआती महीनों में सूर्य नमस्‍कार करने से होंगे ये लाभ

प्रेग्‍नेंसी के दौरान स्‍वस्‍थ रहने के लिए हल्‍की-फुल्‍की कसरत, योग और प्राणायाम करने की सलाह अक्‍सर दी जाती है। इसे सुनकर पहले पहल लोगों के मन में सवाल उठता है कि गर्भावस्‍था के दौरान क्‍या आसन या प्राणायम किया जा सकता है। जानकारों का मानना है कि योगासन विशेषकर सूर्य नमस्‍कार प्रेग्‍नेंसी की पहली तिमाही में गर्भवती महिला के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए सबसे अच्‍छी कसरत है।

हालांकि सूर्य नमस्‍कार को गर्भवती महिला के लिए आदर्श कसरत माना जाता है फिर भी इसे करने से पहले अपने डॉक्‍टर से अवश्‍य संपर्क कर लें। प्रेग्‍नेंसी में सूर्य नमस्‍कार करने से निम्‍न फायदे होते हैं:

शरीर में लचीलापन आता है
गर्भावस्‍था में शरीर का वजन धीरे-धीरे बढ़ता है। लचीला शरीर बढ़ते वजन को आसानी से अनुकूलित कर लेता है।

भ्रूण को पर्याप्‍त ऑक्सिजन मिलती है
सूर्य नमस्‍कार के अलग-अलग चरणों में गहरी सांस ली जाती है। इससे गर्भवती के शरीर और उसमें पल रहे बच्‍चे को जरूरी ऑक्सिजन मिल जाती है।

नॉर्मल डिलिवरी में मदद मिलती है
अगर इसका नियमित अभ्‍यास किया जाए तो डिलिवरी के समय होने वाले होने वाला दर्द की मात्रा कम हो जाती है। ऐसा शरीर में बढ़ रहे लचीलेपन की वजह से भी मुमकिन है।

पैरों की ऐंठन में आराम
इस आसन से पैरों की स्‍ट्रैचिंग होती है जिसका असर यह होता है कि शरीर में खून का दौरा सही रहता है और पैरों में होने वाले क्रैम्‍प्‍स या ऐंठन कम होती है।

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