प्रियंका के साथ उत्तर प्रदेश में ‘सुपर-36’ प्लान लेकर मैदान में उतरेगी कांग्रेस: लोकसभा चुनाव

 लखनऊ 
एसपी और बीएसपी गठबंधन के बाद कांग्रेस ने यूपी की सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस तो सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी, लेकिन 'सुपर-36' प्लान के साथ कांग्रेस का फोकस यूपी की उन 36 सीटों पर विशेष होगा, जहां पार्टी पिछले चुनावों में मजबूती से लड़ी थी। पार्टी कुछ नेता भले ही बीजेपी के खिलाफ यूपी में महागठबंधन के पक्षधर रहे हों, लेकिन कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व लगातार इन सीटों पर नजर गड़ाए है।  दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस यूपी में मोदी लहर में साफ हो गई हो और उसे दो सीटों से ही संतोष करना पड़ा हो, लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यूपी में 21 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2009 के चुनाव में इस जीत के साथ सात सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी दूसरे नंबर पर और 11 सीटों पर तीसरे नंबर पर रहे थे। साथ ही छह सीटें ऐसी थी, जहां कांग्रेस प्रत्याशी को 90 हजार से लेकर सवा लाख तक वोट मिले थे। बड़ी बात यह की प्रियंका की ताजपोशी से पहले ही कांग्रेस की टीम नवंबर महीने से ही इन सीटों पर अपना होमवर्क करने में जुटी हुई है। 

2014 में कांग्रेस की जीत दो सीटों तक सीमित होने के साथ ही छह सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार दूसरे नंबर पर और पांच सीटों पर तीसरे नंबर पर रहे। इस चुनाव में भी 12 सीटें ऐसी थीं, जहां कांग्रेस प्रत्याशी को अस्सी हजार से दो लाख के करीब वोट मिले थे। 

इन सीटों पर है कांग्रेस की नजर 
2009 के लोकसभा चुनावों में जीती अमेठी, रायबरेली, मुरादाबाद, बरेली, खीरी, धौरहरा, उन्नाव, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फर्रूखाबाद, कानपुर, अकबरपुर, झांसी, बाराबंकी, फैजाबाद, श्रावस्ती, गोंडा, डुमुरियागंज, बहराइच, महराजगंज और कुशीनगर सीटों के साथ कांग्रेस की नजर उन सात सीटों सलेमपुर, हमीरपुर, लखनऊ, पीलीभीत, फतेहपुर सीकरी, गाजियाबाद और रामपुर सीटों पर भी है, जहां कांग्रेस अच्छे वोट पाकर दूसरे नंबर पर थी। इनमें गाजियाबाद, लखनऊ, रामपर, खीरी, प्रतापगढ़, कानपुर, बाराबंकी, कुशीनगर सीटों पर पिछले चुनाव में भी कांग्रेस ठीक लड़ी। इनके साथ ही सहारनपुर, वाराणसी और मिर्जापुर सीटों पर भी कांग्रेस को 2014 में अच्छा वोट मिला था। पार्टी सूत्रों की माने तो कांग्रेस नेतृत्व इन सीटों पर ध्यान केंद्रित कर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है।

पार्टी के पास समझौते का भी विकल्प 
लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच कांग्रेस यूपी में छोटे दलों से समझौते का विकल्प भी अभी छोड़ रखा है। कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर की माने तो यूपी के कई छोटे दलों के नेता लगातार उनके और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के संपर्क में हैं। माना जा रहा है कि गठबंधन और सीट बटवारे का फैसला प्रदेश के नए महासचिव प्रभारी प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया करेंगे। दोनों नेता फरवरी के पहले हफ्ते में अपना काम संभाल रहे हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो यूपी में 15 से 20 सीटें कांग्रेस अपने सहयोगियों को दे सकती है। 
 

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