प्रमोशन की फाइल गायब होने पर सदमे से जेई की मौत

लखनऊ 
राजकीय निर्माण निगम में 18 साल से प्रमोशन की लड़ाई लड़ रहे जूनियर इंजिनियर राजीव सिन्हा की शनिवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। साथी इंजिनियरों के मुताबिक, शनिवार को ही उनके प्रमोशन का ऐलान होना था, लेकिन ऐन मौके पर उनकी फाइल गायब हो गई। राजीव यह सदमा झेल नहीं सके। इससे आहत डिप्लोमा इंजिनियरों ने जीएम समेत बड़े अफसरों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की, हालांकि बड़े नेताओं के बीच बचाव के बाद प्रदर्शन थमा।  
 
राजकीय निर्माण निगम के जूनियर इंजिनियरों को साल 2000 में नियमित किया गया था। इसके बाद नियुक्त हुए कई जेई प्रमोशन पाकर एई हो गए, लेकिन राजीव सिन्हा समेत 36 इंजिनियरों को प्रमोशन नहीं मिला। वह इन सभी के हक की लड़ाई लड़ रहे थे। डिप्लोमा इंजिनियर्स संघ के अध्यक्ष मिर्जा फिरोज शाह के मुताबिक, साल 2015 में हाई कोर्ट का आदेश आया, जिसमें ऐसे मामलों में प्रमोशन को सही बताया गया था। 

राजकीय निर्माण निगम कोर्ट के इस आदेश के आधार पर प्रमोशन का फैसला कर सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस पर आपत्ति हुई तो विभाग के काउंसिल से परामर्श लेने का फैसला हुआ। काउंसिल के वकीलों ने प्रमोशन को सही बताया। इसके बावजूद कुछ विरोधियों ने नई आपत्तियां दर्ज करवा दीं तो एडवोकेट जनरल से परामर्श लिया गया। वहां से भी हरी झंडी मिल गई। इसके बाद एससी-एसटी आयोग में इसे चुनौती दे दी गई। वहां से आपत्ति आने पर यह मामला बोर्ड में रखा गया। बोर्ड ने भी प्रमोशन देने का फैसला किया। 

बोर्ड की मंजूरी के बाद भी कुछ अफसरों ने प्रमोशन देने के बजाय यह मामला शासन को भेज दिया। शासन ने सभी मामलों की सुनवाई और दस्तावेज की जांच के बाद 22 दिसंबर को राजीव सिन्हा के पक्ष में आदेश जारी कर दिया। संघ अध्यक्ष मिर्जा फिरोज शाह के मुताबिक, शनिवार को ही प्रमोशन का ऐलान होना था, लेकिन ऐन मौके पर फाइल गायब होने की बात कही जाने लगी। साथी इंजिनियरों के मुताबिक, बार-बार पक्षपात से परेशान राजीव सिन्हा अवसाद में थे। ऐसे में फाइल गायब होने की सूचना पर उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई। 
 

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