प्रदेश में 15 जून से शुरू होगी यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम

रायपुर
कांग्रेस सरकार की बहुप्रतीक्षित और बहुचर्चित यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम 15 जून से शुरू होने जा रही है। शुरुआत में इसे पांच संभाग मुख्यालयों के पांच विकासखंडों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सोमवार को शुरू हुई स्वास्थ्य विभाग की दो दिवसीय समीक्षा बैठक में इसकी जानकारी दी। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को इसकी तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। दो दिनों तक चलने वाली इस बैठक में यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा।
अब सीईओ संभालेंगे सरकारी अस्पताल के प्रबंधन की जिम्मेदारी

    छत्तीसगढ़ में जल्द ही डॉक्टरों को अस्पताल प्रबंधन के काम से मुक्ति मिल जाएगी। प्रदेश सरकार इसके लिए सीईओ नियुक्त करने जा रही है, जल्द ही अस्पतालों में इस पद के लिए संरचना की जाएगी। सरकार का मानना है कि इससे डॉक्टरों को इलाज पर फोकस करने में सहायता मिलेगी। सीईओ स्तर के अधिकारी का काम प्रशासनिक और प्रबंधकीय होगा। सीईओ बनने के लिए डॉक्टर होना अनिवार्य नहीं होगा।

    प्रदेश में खाली पड़े पदों पर भी डॉक्टरों को भेजा जा सकेगा। ऐसे में दूरदराज के गांवों में डॉक्टरों की पोस्टिंग पर भी विचार किया जा रहा है। वहीं नई भर्तियां भी हो सकती हैं। दरअसल प्रदेश में करीब 85 फीसदी विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। शिशु, महिला और सर्जरी से जुडे़ चिकित्सकों का सबसे ज्यादा अभाव है। विशेषज्ञ डॉक्टरों के लगभग 1300 पद स्वीकृत हैं, इनमें से लगभग 1150 पद खाली हैं। इसी तरह डॉक्टरों के 1873 पदों में से 410 और नर्सिंग स्टाफ के 10 हजार 769 पदों में से 1510 पद खाली है।

    लोगों का निशुल्क और बेहतर उपचार प्राथमिकता

    स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि दवाई खरीदी को लेकर किसी भी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए वित्त विभाग से आग्रह किया गया है। वे समय पर फंड उपलब्ध कराए। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के दिशा में हम काम कर रहे हैं। हमारी कोशिश की है कि हर एक व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ पहुंचे। निशुल्क और बेहतर उपचार उपलब्ध हो सके। लोगों को महंगे इलाज से मुक्ति मिले।

    बंद होंगे स्मार्ट कार्ड, मिलेगा हर नागरिक को हेल्थ रजिस्ट्रेशन नंबर

    'राइट टू हेल्थ' (आरटीएच) यानी यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम लागू करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा। इसके लागू होने पर राज्य सरकार अपने सभी नागरिकों को एक हेल्थ रजिस्ट्रेशन नंबर देगी। इस रजिस्ट्रेशन के आधार पर मरीज का इलाज बिल्कुल मुफ्त किया जाएगा। मरीज किसी भी सरकारी अस्पताल में अपना इलाज करवा सकता है। इस योजना के तहत मरीज के इलाज के खर्च की कोई तय सीमा नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस योजना के लिए शुरूआती बजट 184 करोड़ रुपए रखा है। योजना को लागू होने के बाद अभी चल रहे स्मार्ट कार्ड को बंद किया जाएगा।

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