प्रतिबंधित दवाई बनाने की सूचना पर ड्रग विभाग का छापा, 17.5 लीटर ऑक्सीटोसिन जब्त

रायपुर
ड्रग विभाग की टीम ने अवैध रूप से ऑक्सीटोसिन कैमिकल का कारोबार करने वाले का खुलासा किया. टीम ने एक मकान में दबिश देकर बड़ी संख्या में प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन और लिक्विड जब्त किया है. बताया जा रहा है कि भिलाई के वार्ड नंबर -13 रामनगर में अवैध रूप से दवाई का कारोबार करने वाले विवेक गुप्ता के मकान से बड़ी संख्या में ऑक्सीटोसिन लिक्विड बनाकर सप्लाई करने की सूचना मिली थी.

अवैध रूप से दवाई बनाने की सूचना के बाद राजनांदगांव ड्रग विभाग ने एक किराने की दुकान पर मारे. दुकानदार ने ड्रग विभाग के अधिकारियों को बताया कि भिलाई के व्यक्ति विवेक गुप्ता द्वारा उसे ये दवाई सप्लाई की जाती है. इसके बाद टीम ने एक बड़ा आर्डर करने को कहा. विवेक गुप्ता द्वारा माल सप्लाई की सहमति मिलने पर टीम ने भिलाई स्थित सीधे उसके गोदाम का पता लेते हुए छापेमारी कर दी.

ड्रग विभाग को छापे में विवेक गुप्ता के घर से ऑक्सीटोसिन का जखीरा मिला, जिसमे 8 लीटर लिक्विड समेत 9.5 लीटर ऑक्सीटोसिन को तैयार करने की सामाग्री जब्त की गई. प्रतिबंधित दवाई का कारोबार करने वाला विवेक गुप्ता बिहार से इसे संचालित करता था. आरोपी ऑक्सीटोसिन लिक्विड को आस-पास के खटाल में सप्लाई करता था. पुलिस ने बताया कि प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन लिक्विड लोगो के सेवन करने से बहुत खतरनाक है इस लिक्विड को दूध उत्पादन को बढ़ाने ,सब्जियों को कम समय मे तैयार करना जैसे विभिन्न कार्यो के लिए इस ऑक्सीटोसिन लिक्विड का उपयोग किया जाता है.

ड्रग विभाग ने जब्त ऑक्सीटोसिन लिक्विड को जांच के लिया लैब भेज दिया है. जांच के बाद ही आरोपी पर ड्रग विभाग कार्रवाई करेगी. बहरहाल, ड्रग और पुलिस विभाग की इस संयुक्त कार्रवाई ने शहर में चल रहे  दवाई के अवैध कारोबार का खुलासा किया है. लेकिन राजनांदगांव ड्रग विभाग की दबिश से बड़ा सवाल उठता है कि दुर्ग में चल रहे इस कारोबार की भनक भी प्रशासन को नहीं लगी. बताया जा रहा है कि वैशाली नगर चौकी पुलिस से कुछ ही दूरी में आरोपी सालों से ये अवैध कारोबार चल रहा था. फिलहाल जांच की बात पुलिस कर रही है.

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