पोलियो टाइप-2 वायरस से पांच देशों में 11 नए केस

पांच अफ्रीकी देशों में पोलियों से रिलेटेड 11 नए मामले देखने को मिले हैं। खास बात यह है कि इन केसेज के लिए उसी वैक्सीन को जिम्मेदार माना जा रहा है, जो पोलियो की रोकथाम के लिए दी जाती है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन से जुड़े समूह टीकाकरण को लेकर सावधान कर रहे हैं। इन सभी मामलों की रिपोर्ट वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन में अलग-अलग देशों से की गई है लेकिन अब तक ये सभी देश अफ्रीका के हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन में दर्ज कराए गए मामलों पर गौर करने से पता चला कि पोलियो के जो नए केस सामने आए हैं, उनमें ओरल टीके के वायरस से होनेवाले केस अन्य वाइल्ड रीजन से अधिक हैं। इस बारे में राष्ट्रीय वैक्सीन सूचना केंद्र की सह-संस्थापक और अध्यक्ष बारबरा फिशर ने का कहना है कि 'घटिया स्वच्छता स्तर और सफाई के अभाव में रहने की स्थिति वाले गरीब समुदायों में वैक्सीन स्ट्रेन पोलियो वायरस नहाने और पीने के लिए उपयोग किए जाने वाले पानी के स्रोतों को दूषित कर सकते हैं, जो कि वैक्सीन स्ट्रेन पोलियो पैरालिसिस के अधिक मामले पैदा कर सकता है।'

बारबरा आगे कहती हैं कि 'जब तक पोलियो उन्मूलन अभियान लाइव ओरल पोलियो वैक्सीन का उपयोग करना बंद नहीं कर देते, तब तक बच्चों और वयस्कों को वैक्सीन स्ट्रेन पोलियो वायरस जारी रहेगा। क्योंकि ऐसे केसेज को रोकने के लिए स्वच्छता स्तर में सुधार लाना बेहद जरूरी है।' जिन देशों में पोलियो के नए मामले सामने आए हैं उनमें रिपोर्ट करने वाले देशों में नाइजीरिया, कॉन्गो, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक और अंगोला जैसे देश शामिल हैं। एक तरफ जहां अफ्रीका के 7 देशों में इस तरह के मामलों की बात सामने आ रही है, वहीं एशिया में कुछ देशों में इस तरह के केस सामने पिछले दिनों आए हैं। एशिया में अफगानिस्तान और पाकिस्तान में इस तरह के केस पिछले दिनों देखने को मिले थे।

विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ खास परिस्थितियों में ओरल पोलियो वैक्सीन में मौजूद लाइव वायरस अपने आपको परिवर्तित करके नए तरीके से घातक रूप में सामने आते हैं। वैक्सीन के कारण होनेवाले पोलियो के जितने भी ताजा मामले सामने आए हैं, उनमें वैक्सीन में मौजूद टाइप-2 वायरस द्वारा अटैक किया गया है।

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