पेट की आग के सामने तपती गर्मी भी बौनी, सब्जी विक्रेता धूप और कोरोना की मार एक साथ झेल रहे

रायपुर
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में तेज गर्मी की वजह से जहां घरों में बैठे लोग परेशान हैं. वहीं कुछ ऐसे लोग भी है जिनके पेट की आग के सामने तपती गर्मी भी बौनी है. रायपुर में सब्जी विक्रेता धूप और कोरोना की मार एक साथ झेल रहे हैं. राजधानी के हिंदी स्पोर्टिंग ग्राउंड में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए बाजार खुले आसमान के नीचे लगाया जा रहा है. 45 डिग्री की तपती गर्मी में भी सब्जी विक्रेताओं के पास एक छतरी के नीचे बैठने के अलावा और कोई दूसरा सहारा नहीं है. मार्केट को दूर से देखने पर केवल और केवल छतरियां ही नजर आती है.

हिंद स्पोर्टिंग ग्राउंड में सब्जी बेच रही पुनेश्वर बताती हैं कि सुबह 5 बजे से वो सब्जियां लेकर अपनी मां के साथ घर से निकलती हैं. ग्राउंड में शेड नहीं होने की वजह से सुबह से ही गर्मी पड़ने लगती है और धूप में ऐसे ही उन्हें सब्जी बेचने के लिए बैठना पड़ता है. पुनेश्वरी का कहना है कि इस दौरान उनकी सब्जियां भी सूख जाती हैं जिससे काफी नुकसान होता है. लेकिन लॉकडाउन मेंं धूप में सब्जी बेचने के अलावा उनके पास और कोई रास्ता नहीं है. ऐसे में जब गर्मी सहन नहीं हुई तब कल ही नई छतरी खरीदकर मार्केट मेंं बैठ रही हैं.

आमापारा सब्जी बाजार से हिंद स्पोर्टिंग ग्राउंड शिफ्ट किए गए सब्जी विक्रेता गोपाल पटेल का कहना है कि पुराने मार्केट में शेड की व्यवस्था थी, जिससे तपती गर्मी में कम से कम सर के ऊपर एक छत थी. लेकिन कोरोना की वजह से उनके साथ अन्य सब्जी विक्रेताओं को यहां शिफ्ट कर दिया गया और रोजी-रोटी के आगे उन्हें ये गर्मी झेलनी पड़ रही है. गोपाल भी नई छतरी खरीदकर मार्केट में बैठे हैं लेकिन तेज धूप में ये नाकाफी है. कोरोना के इस संकट काल में इन सब्जी विक्रेताओं को और कितने दिन ऐसे ही सब्जी बेचनी होगी इसका पता नहीं. लेकिन पेट की आग बुझानी है तो ये गर्मी झेलनी ही होगी.

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