पूर्व CJI रंजन गोगोई आज लेंगे राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ
नई दिल्ली
विवादों के बीच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई आज राज्यसभा सदस्य के तौर पर शपथ लेंगे. रंजन गोगोई सुबह 10.45 पर संसद भवन पहुंचेंगे. इसके बाद 11 बजे उन्हें राज्यसभा सदस्य के पद की शपथ दिलाई जाएगी. इसके बाद वह मीडिया से बात कर सकते हैं. शपथ लेने के लिए रंजन गोगोई कल शाम ही दिल्ली पहुंच गए हैं.
रंजन गोगोई के राज्यसभा सदस्य मनोनित होने का विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने रंजन गोगोई से पांच सवाल पूछे थे. उन्होंने कहा था, 'रंजन गोगोई कृपया यह भी बताएं कि अपने ही केस में खुद निर्णय क्यों? लिफाफा बंद न्यायिक प्रणाली क्यों? चुनावी बॉन्ड का मसला क्यों नहीं लिया गया? राफेल मामले में क्यों क्लीन चिट दी गई? सीबीआई निदेशक को क्यों हटाया गया?'
SC से शपथ ग्रहण रोकने की मांग
इसके अलावा समाजसेवी मधु किश्वर ने रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. इसको लेकर उन्होंने याचिका भी दाखिल की है. उन्होंने रंजन गोगोई के राज्यसभा सदस्य के तौर पर शपथ ग्रहण रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
राष्ट्रपति ने किया है मनोनित
पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था. केंद्र सरकार ने सोमवार की शाम इस संबंध में अधिसूचना जारी की थी. गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया था, 'भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (तीन) के साथ पठित खंड (एक) के उपखंड (क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति, एक मनोनीत सदस्य की सेवानिवृत्ति के कारण हुई रिक्ति को भरने के लिए रंजन गोगोई को राज्यसभा का सदस्य मनाीनीत करते हैं.'
कौन हैं जस्टिस रंजन गोगोई
रंजन गोगोई देश के 46वें चीफ जस्टिस रहे हैं. उन्होंने सीजेआई का पद तीन अक्टूबर 2018 से 17 नंवबर 2019 तक संभाला. 18 नवंबर, 1954 को असम में जन्मे रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बोस्को स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़ाई की. उनके पिता केशव चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री थे. जस्टिस रंजन गोगोई ने 1978 में वकालत के लिए पंजीकरण कराया था. 28 फरवरी, 2001 को रंजन गोगोई को गुवाहाटी हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. जस्टिस गोगोई 23 अप्रैल, 2012 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने थे और बाद में मुख्य न्यायाधीश भी बने.