पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन, दिल्ली के एम्स में ली अंतिम सांस

नई दिल्ली
भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन हो गया है| उन्हें गंभीर स्थिति में दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था|  जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया| डॉक्टरों के मुताबिक, दिल का दौरा पड़ने के कारण उनका निधन हुआ था। अस्पताल में भर्ती होने से कुछ घंटों पहले ही उनका जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुए ट्वीट सामने आया था, जिसमे उन्होंने कहा था कि जीवन में यह दिन देखने की प्रतीक्षा कर रही थी। तबीयत खराब होने के फौरन बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया|  डॉक्टरों की एक टीम उनकी स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए थी. लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका और 67 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया|

सुषमा स्वराज के एम्स में भर्ती होने की खबरे वायरल होने के बाद से ही बीजेपी के कई बड़े नेता एम्स पहुँच चुके थे| भाजपा के बड़े नेताओं का अस्पताल पहुंचना शुरू हो गया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पहुंचे हैं। इस बीच उनके निधन की सूचना से देश भर में शोक की लहर है|  ट्विटर पर लोगों की मदद के लिए मशहूर रही पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का एक लंबा राजनीतिक सफर रहा है| वह कई बड़े पदों पर रही, वहीं 1977 में जब वह 25 साल की थीं तब वह भारत की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनी थीं। 1979 में, 27 साल की उम्र में, वह हरियाणा में जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनीं। सुषमा स्वाराज इस बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ी थी उन्होंने स्वयं स्वास्थ कारणों का हवाला देते हुए चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था|

सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरदेव शर्मा और श्रीमती लक्ष्मी देवी के यहाँ अंबाला छावनी में हुआ था। इनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक प्रतिष्ठित सदस्य थे। इन्होंने राजनीति विज्ञान और संस्कृत जैसे प्रमुख विषयों से अंबाला छावनी के एसडी कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। सुषमा स्वराज ने चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय के कानून विभाग से एलएलबी की डिग्री हासिल की। 1970 में इन्होंने, अंबाला छावनी के एसडी कॉलेज से सर्वश्रेष्ठ छात्रा का पुरस्कार प्राप्त किया। सुषमा स्वराज मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भारत की विदेश मंत्री थी। इससे पहले वो 2009 में भारतीय जनता पार्टी द्वारा संसद में विपक्ष की नेता चुनी गई थी। वो दिल्ली की मुख्यमन्त्री भी रही थी। सन २००९ के लोकसभा चुनावों के लिये भाजपा के 19 सदस्यीय चुनाव-प्रचार-समिति की अध्यक्ष भी रहीं थीं।

सुषमा स्वराज के राजनीतिक करियर की शुरुआत तो आपातकाल के दौरान ही हो गई थी. लेकिन राजनीति में उनकी एंट्री 1977 में तब हुई जब वह हरियाणा से विधायक चुनी गईं|  1977-1979 में ही वह राज्य में चौधरी देवी लाल की सरकार में श्रम मंत्री बनाई गईं|  सुषमा महज 25 साल की उम्र में मंत्री बन गईं थी. यह उस समय सबसे कम उम्र में मंत्री होने का रिकॉर्ड था. उनके नाम सबसे कम उम्र में जनता पार्टी हरियाणा की अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड भी है|

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