पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ रही

झाबुआ
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कांग्रेस के नेता गिट्टी खा रहे हैं। रेत खा रहे हैं और शराब बेचने में जुटे हैं। आदिवासी नेता को बोलने नहीं दिया जा रहा है और उनके पुतले जल रहे हैं। कांग्रेस पूरे मध्यप्रदेश को लूटने का काम कर रही है। यह खुद कांग्रेस के मंत्री कह रहे हैं। कमलनाथ सरकार ने पूरे प्रदेश को बर्बाद और तबाह करने का काम किया है।

बुधवार को झाबुआ के कृषि उपंज मंडी में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। कांग्रेस का यह नाटक ज्यादा दिन नहीं चलेगा। चौहान ने कहा कि कांग्रेस की सरकार गांवों में ढोल बजाकर पैसा वसूल रही है। यह आदिवासियों का अपमान है। बिजली आती कम है, जाती ज्यादा है। इतने तबादले कर दिए कि स्कूल के स्कूल खाली हो गए।

 प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने 11 सितम्बर को पूरे प्रदेश में घंटानाद करने का निर्णय लिया है। सिंह ने कहा कि प्रदेश में अलग-अलग तीन मुख्यमंत्री है, जो तीन तरह की बातें करते है। एक घोषित मुख्यमंत्री कमलनाथ जो कहतें है मेरा आदेश चलेगा, परदे के पीछे से दिग्विजय सिंह मंत्रियों को चिट्ठी लिखते है और तीसरे मुख्यमंत्री ज्योतिदित्य सिंधिया ग्वालियर से कहते हैं कि प्रदेश में अवैध रेत खनन बंद नहीं हुई तो आंदोलन करने के लिए सड़कां पर उतरूंगा।

केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि झाबुआ की जनता से कांग्रेस सरकार की समाप्ति की शुरुआत होगी। किसानों के मान सम्मान और उनके माली हालत को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना नरेन्द्र मोदी ने लागू की। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद किसानों का नाम केन्द्र को नहीं भेजा, जिसके कारण किसानों को 6000 का लाभ नहीं मिल सका। प्रदेश में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। लूट, खसोट वाली सरकार को विदा करने के लिए झाबुआ की जनता उपचुनाव में भाजपा को विजयी बनाए। केन्द्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते ने कहा कि आदिवासी के बच्चों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पायी है।

छात्रावास बंद होने की कगार पर पहुंच गए है। बिजली, सड़क, पानी और स्वास्थ्य के लिए भी प्रदेश की जनता तरस रही है। झाबुआ की जनता ने पहले बेटे को फिर बाद में पिता को हराया। अब कांग्रेस की झूठी सरकार को उखाड़ फेंकने की शुरुआत झाबुआ से होगी।

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