पूर्व प्रधानमंत्री सिंह की पीएम मोदी को सलाह , चीन पर संभलकर करे बात

नई दिल्ली
देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा है कि गलवान घाटी में भारत के 20 सैनिकों की शहादत व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। पूर्व पीएम ने साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा है और उन्हें अपने शब्दों के चयन में सावधान होने की नसीहत दे दी। उन्होंने कहा कि इस समय एकजुट होकर हमें चीन के दुस्साहस का जवाब देना चाहिए। बता दें कि गत सोमवार की रात लद्दाख के गलवान घाटी में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन के 40 जवान मारे गए थे।

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने आज जारी बयान में कहा, '15-16 जून को गलवान घाटी में भारत के 20 साहसी जवानों ने सर्वोच्च कुर्बानी दी। इन बहादुर सैनिकों ने साहस के साथ अपना कर्तव्य निभाते हुए देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। देश के इन सपूतों ने अपनी अंतिम सांस तक मातृभूमि की रक्षा की। इस सर्वोच्च त्याग के लिए हम इन साहसी सैनिकों और उनके परिवारों के कृतज्ञ हैं। लेकिन उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।'

'शब्दों के चयन में सावधानी की नसीहत'
मनमोहन ने कहा, 'आज हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। हमारी सरकार के निर्णय एवं सरकार द्वारा उठाए गए कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आकलन कैसे करें। जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दायित्व है। हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व देश के प्रधानमंत्री का है। प्रधानमंत्री को अपने शब्दों और ऐलानों द्वारा देश की सुरक्षा एवं सामरिक तथा भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए।'

'सहमति से काम करें प्रधानमंत्री'
पूर्व पीएम ने कहा, 'चीन ने अप्रैल, 2020 से लेकर आज तक भारतीय सीमा में गलवान घाटी और पैंगोंग शो लेक में अनेकों बार जबरन घुसपैठ की है। हम न तो उनकी धमकियों एवं दबाव के सामने झुकेंगे और न ही अपनी अखंडता से कोई समझौता स्वीकार करेंगे। प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनके षडयंत्रकारी रुख को बल नहीं देना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इस खतरे का सामना करने एवं स्थिति को और ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करें।'

चीन के खिलाफ एकजुट होने का समय-मनमोहन
पूर्व पीएम ने कहा कि यह समय एकजुट होने का है। उन्होंने कहा, ' यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है और संगठित होकर चीनी दुस्साहस का जवाब देना है। हम सरकार को आगाह करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति तथा मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता। पिछलग्गू सहयोगियों के प्रचारित झूठ के आडंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता।'

चुनौतियों का सामना करने का वक्त
मनमोहन ने पीएम मोदी से चुनौतियों का सामना करने को कहा। उन्होंने कहा, 'हम प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि वो वक्त की चुनौतियों का सामना करें, और कर्नल बी. संतोष बाबू एवं हमारे सैनिकों की कुर्बानी की कसौटी पर खरा उतरें, जिन्होंने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ था‘अखंडता’ के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। इससे कुछ भी कम जनादेश से ऐतिहासिक विश्वासघात होगा।'

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