पूरे प्रदेश में भारी बारिश तो कहीं गिर सकती है बिजली, यलो अलर्ट जारी
भोपाल
मध्यप्रदेश में मानसून आने में 24 घंटों का वक्त बाकी है, इससे पहले ही कई जिलों में भारी बारिश के साथ ही बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने इसके लिए यलो अलर्ट भी जारी किया है। इधर, खबर है कि मानसून मध्यप्रदेश की और बढ़ रहा है। यह अब कभी भी दस्तक दे सकता है।
13 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
भोपाल स्थित मौसम केंद्र ने प्रदेश के 13 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने इसके लिए यलो अलर्ट भी जारी किया है। जिन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है उनमें अलीराजपुर, बड़वानी, बैतूल, खंडवा, खरगौन, झाबुआ, हरदा, अनूपपुर, डिंडोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और सिवनी शामिल हैं। इधर, मौसम वैज्ञानिक शैलेंद्र नायक के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून मध्य महाराष्ट्र के कुछ और हिस्सों, मराठवाड़ा और विदर्भ के अधिकांश हिस्सों में, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के शेष हिस्सों, झारखंड के अधिकांश हिस्सों और बिहार के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ा है।
पांच संभागों में गिर सकती है बिजली
मौसम विभाग ने यलो अलर्ट में गरज-चमक के साथ बिजली चमकने और कहीं-कहीं बिजली गिरने की भी आशंका जताई है। इसके लिए यलो अलर्ट भी जारी किया गया है।
यहां पड़ सकती है बौछारें
मौसम विभाग ने प्रदेश के शहडोल, जबलपुर, होशंगाबाद, इंदौर और उज्जैन संभागों के जिलों में कहीं-कहीं बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। इस दौरान गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की भी संभावना है।
तेज हवा चलेगी
मौसम वैज्ञानिकों ने रीवा, सागर, भोपाल, ग्वालियर और चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं तेज हवा चलने की भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यहां भारी बारिश के साथ ही गरज-चमक के साथ बिजली भी चमकेगी।
गुना-ग्वालियर में पारा 41 पर
गर्मी के साथ ही कुछ जिलों में हल्की बारिश हो रही है। ऐसे में वहां उमस से भी लोग बेहाल हैं। गुना और ग्वालियर में अधिकतम तापमान 41 डिग्री दर्ज किया गया। यह प्रदेश में सबसे अधिक है।
यहां हुई बारिश
प्रदेश के कई जिलों में बारिश का भी दौर चल रहा है। जुन्नारदेव में 10, हरदा, थांदला में 7, निवास, खातेगांव में 6, बिछुआ, पेटलावद, नेपानगर में 5, खिरकिया, चिंचोली, सौसर, नैनपुर में 4, शाहपुरा, लखनादौन, बैतूल, उदयनगर, सरदारपुर, देपालपुर, भाभरा, तराना, झाबुआ, मुलताई और बड़वाहा में 3 सेमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि 15 और 16 जून को मानसूनी गतिविधियों में और अधिक बढ़ोत्तरी हो जाएगी।
यह भी है खास
- 13 से 16 जून के दौरान मध्य प्रदेश में अनेक स्थानों पर अनेक स्थानों पर वर्षा या गरज चमक के साथ बौछारें पड़ सकतीं है। 14 एवं 15 जून को मध्य प्रदेश में कहीं-कहीं भारी वर्षा की संभावना है।
- 17 से 19 जून के दौरान मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में कुछ स्थानों से कहीं-कहीं वर्षा या गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।
- भारत के पश्चिमी प्रायद्वीपीय तट के साथ निचले स्तर की हवाओं का दक्षिण-पूर्वी प्रवाह के मजबूत होने से अगले 2 दिनों के दौरान तटीय कर्नाटक में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है।
- दक्षिण गुजरात एवं आसपास के क्षेत्र पर चक्रवाती परिसंचरण अब औसत समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तकउत्तर कोंकण और आसपास के क्षेत्रों पर पर स्थित है।
- पूर्व-पश्चिम शियर क्षेत्र, औसत समुद्र के तल से 3.1 किमी ऊपर, जिसका विस्तार औसत समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर तक है, प्रायद्वीपीय भारत में लगभग 17 °उत्तरी अक्षांश के साथ चलायमान है।
- दक्षिण छत्तीसगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में स्थित चक्रवाती परिसंचरण अब औसत समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर दक्षिण पूर्व मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में स्थित है।
- उत्तरी राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में स्थित चक्रवाती परिसंचरण अब समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर तक दक्षिण हरियाणा और आसपास के क्षेत्रों में फैला हुआ है।
- औसत समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर द्रोणिका अब दक्षिण हरियाणा के उपरोक्त चक्रवाती परिसंचरण से उत्तरी प्रदेश और छत्तीसगढ़ के होती हुई चक्रवाती परिसंचरण के साथ जुड़ा हुआ कम दबाव क्षेत्र तक चलायमान है।