पूरी तरह सुरक्षित है गांधी सागर बांध, कलेक्टर ने कहा-जो अफवाह फैलाएगा उस पर होगी कार्रवाई

मंदसौर
मंदसौर (mandsaur)का गांधी सागर बांध (गांधी सागर बांध) (Gandhi sagar dam)पूरी तरह सुरक्षित है. इसमें दरार आने की खबर का कलेक्टर मनोज पुष्प ने खंडन किया है. उन्होंने कहा-बांध पूरी तरह से सुरक्षित है. कोई भी अफवाह ना फैलाएं और ना ही ऐसी बातों पर ध्यान दें. अगर कोई अफवाह है फैलाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मंदसौर ज़िले में अब तक 76 इंच बारिश हो चुकी है. मूुसलाधार और लगातार  बारिश के कारण अस्पताल तक में पानी भर गया और बस्तियों में नाव चलने लगी.

डैम ओवरफ्लो- कहीं से अफवाह फैल गयी कि मंदसौर स्थित गांधी सागर बांध में दरार आ गयी है. ख़बर तेज़ी से फैली तो कलेक्टर मनोज पुष्प ने तत्काल इसका खंडन किया. उन्होंने कहा ये सिर्फ अफवाह है. कलेक्टर ने कहा गांधी सागर बांध पूरी तरह से सुरक्षित है. पहले कुछ इनफ्लो ज्यादा हुआ था जिसके कारण फैलाव हो गया था. उन्होंने बताया कि गांधी सागर पर तैनात जल संसाधन विभाग के ईई से बात हुई है. अभी बांध में डेढ़ लाख के आसपास पानी है.इसमें से 6 लाख क्यूसेक पानी रिलीज किया जा रहा है. कलेक्टर ने यह भी कहा कि जो लोग सोशल मीडिया पर अफवाहें फैला रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

इससे पहले गांधी सागर बांध के एसडीओ और प्रभारी एम एल त्रिवेदी ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि डैम में 1300000 क्यूसेक पानी आ रहा है. इसमें से 500000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. तेज़ बहाव के कारण बांध के पावर हाउस और स्टीम पाल को नुकसान हुआ है.

कई तरह के बयान आने के बाद लोगों में भय की स्थिति बन गई थी. राजस्थान के कोटा में गांधी सागर बांध को लेकर अफवाहों का दौर जारी था और लोग भयभीत थे. लेकिन अब कलेक्टर ने कहा है कि बांध पूरी तरह से सुरक्षित है और केचमेंट एरिया में इनफ्लो डेढ़ लाख क्यूसेक पान ही आ रहा है.

मंदसौर और राजस्थान में भारी बारिश के कारण रविवार को गांधी सागर बांध के 19 गेट खोलने पड़े थे. डैम से लगातार 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था. डैम का लेवल 1318 .76 फीट पर पहुंच गया था. जबकि उसका फुल टैंक वाटर लेवल 1312 फीट है. डैम में पानी फीट ऊपर बह रहा था. 19 गेट खोलने के बाद इमरजेंसी गेट से पानी निकलना शुरू हो गया था.

डैम और बारिश के हालात देखते हुए वहां पर्यटकों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.गांधी सागर बांध के केचमेंट एरिया में जलभराव के कारण 127 गांव डूब क्षेत्र में आ गए हैं. गांव में पानी भरने के बाद यहां से 20000 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.एनडीआरएफ एसडीआरएफ के साथ स्थानीय होमगार्ड की टीम भी बचाव कार्य में लगी रहीं. कुछ जगह मछुआरों को भी रेस्क्यू काम में लगाया गया है.

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