पुलिस पर हमले में आरोपित तीन हार्डकोर नक्सली गिरफ्तार

नवादा                                                                                                                                                                                       
एसएसबी व रजौली पुलिस की संयुक्त टीम ने गुरुवार तड़के रजौली थाना क्षेत्र के जमुनदाहा जंगलों में सर्च ऑपरेशन के दौरान तीन फरार नक्सलियों को गिरफ्तार कर लिया। इनके विरुद्ध पुलिस बल पर हमला करने के आरोप हैं। तीनों पिछले 13 वर्षों से फरार चल रहे थे। गिरफ्तार नक्सलियों में स्व. कृपाली सिंह का बेटा सरपंच सिंह, स्व. बंधन सिंह का बेटा राजकुमार सिंह व जागेश्वर सिंह का बेटा खड़गधारी सिंह शामिल हैं। गुप्त सूचना पर एसएसबी व रजौली पुलिस ने तीनों नक्सलियों को घेरकर गिरफ्तार कर लिया। 

एसएसबी की 29 वीं बटालियन के कमांडेंट राजेश कुमार सिंह के निर्देशन में अभियान में एसएसबी की फतेहपुर बेस कैम्प के असिस्टेंट कमांडेंट जयंता बोरा व रजौली थानाध्यक्ष सुजय विद्यार्थी समेत एसएसबी व रजौली पुलिस के जवान शामिल थे। बता दें कि नवादा के एएसपी अभियान कुमार आलोक की मॉनिटरिंग में सुरक्षाबलों ने रजौली जंगलों से पिछले दो दिनों में चार नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। इससे पूर्व 19 मई की रात रजौली के गंगटा गांव के सोहन यादव के बेटे तुलसी यादव को मांगोडीह गंगटिया गांव से एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। वह 17 वर्षों से फरार था। 

जमुनदाहा जंगल में किया था हमला

गिरफ्तार तीनों नक्सलियों समेत 50- 60 की संख्या में हथियारंबद माओवादियों ने 28 मार्च 2008 को जमुनदाहा जंगल में पुलिसबल पर हमला कर दिया था। पुलिस बल उस वक्त जमुनदाहा में एक बड़े भू- भाग पर अफीम की खेती की सूचना पर छापेमारी करने निकली थी। इसी दौरान पुलिसबल को देखकर नक्सलियों ने उन पर भारी हथियारों से हमला कर दिया। परंतु पुलिस से घिरता देखकर नक्सली भाग निकले थे। उस दौरान एक नक्सली मौका ए वारदात गिरफ्तार कर लिया गया था। मौके से भारी संख्या में कारतूस के खोखे बरामद किये गये थे। बाद में पुलिस ने उस इलाके में वृहत पैमाने पर चल रही अफीम की खेती को नष्ट कर दिया था। इस मामले में रजौली थाने में दर्ज कांड संख्या 42/2008 में 12 नामजद व 40- 50 अज्ञात माओवादियों को आरोपित किया गया था।  

स्लीपर सेल के रूप में कार्यरत थे
पुलिस के मुताबिक तीनों का नक्सलियों से काफी पुराना कनेक्शन रहा है। फिलहाल तीनों माओवादी कमांडर प्रद्युम्न शर्मा के लिए स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहे थे। रजौली में प्रेस वार्ता के दौरान असिस्टेंट कमांडेंट ने कहा कि फिलहाल इन तीनों नक्सलियों से पूछताछ की जा रही है। इनसे नक्सलियों व खासकर कमांडर प्रद्युम्न शर्मा के बारे में काफी कुछ जानकारी मिलने के आसार हैं। इधर, एएसपी अभियान कुमार आलोक ने कहा कि पुलिस के रडार पर स्लीपर सेल में शामिल में कई ऐसे नक्सली हैं जो पुलिस की आंख में धूल झोंककर नक्सलियों को मदद पहुंचा रहे हैं। ऐसे लोगों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बता दें कि स्लीपर सेल हैंडलर्स का आदेश मिलने के बाद हरकत में आते हैं। ये लोग आमलोगों  के बीच रहकर नक्सलियों को मदद पहुंचाते हैं। जिसके कारण से इन्हें पकड़ पाना  मुश्किल होता है।

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