पुलिस ने किया गिरफ्तार, समाधि के नाम पर तीन घंटे तक गड्ढे में रहे बाबा

 मौदहा (हमीरपुर) 
कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे हमीरपुर में एक तथाकथित जूनागढ़ अखाड़े से जुड़े बाबा के तीन घंटे के लिए जिंदा समाधि लेने की खबर से कोतवाली क्षेत्र के परछछ गांव में ग्रामीणों का मजमा लग गया। भक्तों ने बाबा के लिए गहरा गड्ढा तैयार किया था। दिन के एक बजे के आसपास बाबा गड्ढे में नीचे उतर गया। भक्तों ने ऊपर से पटरों से गड्ढे को ढांककर तिरपाल लगा दिया। करीब तीन घंटे बाद बाबा गड्ढे से बाहर निकला तो मजमे में जयकारे गूंजने लगी। जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया में वायरल हुई वैसे ही पुलिस सक्रिय हो गई और बाबा को हिरासत में लेकर कोतवाली ले आई है। मामले की जांच की जा रही है। 

परछछ गांव में कुछ माह से एक बाबा की आवाजाही शुरू हुई है। जो गांव बाहर शिव मंदिर में पूजा-अर्चना करता है। पिछले एक पखवारे से बाबा ने अपने भक्तों के माध्यम से तीन घंटे के लिए समाधि लेने का प्रचार कराना शुरू कर दिया। इससे गांव में कौतूहल की स्थिति बन गई। समाधि लेने का मुर्हुत निकाला गया था। भक्तों ने बाबा के समाधि लेने वाले स्थान के पास गहरा गड्ढा खोदा। जिसमें नीचे ईंटे बिछा दिए गए। तब तक समाधि स्थल पर भारी भीड़ जुटनी शुरू हो गई। 

दिन के एक बजे के आसपास बाबा गड्ढे में नीचे उतर गया। ऊपर से भक्तों ने पटरे से पूरा गड्ढा ढांक दिया और फिर उस पर तिरपाल डालकर कुछ मिट्टी भी डाल दी। तब तक भीड़ समाधि स्थल के आसपास ही डटी रही। आसपास के गांवों के लोग भी पहुंच गए। शाम 4 बजे के आसपास भक्तों ने गड्ढा खोलकर बाबा को जैसे ही बाहर निकाला वैसे ही जयकारे लगने शुरू हो गए। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो, फोटो सोशल मीडिया में वायरल होनी शुरू हो गई। इससे कोतवाली पुलिस सक्रिय हो गई। पुलिस गांव पहुंचकर बाबा को हिरासत में लेकर कोतवाली ले आई। कोतवाल राजेशचंद्र त्रिपाठी का कहना है कि बाबा ने पूछताछ में बताया है कि उसने समाधि नहीं ली थी बल्कि गड्ढे के नीचे उतरकर पूजा-अर्चना कर रहा था। फिलहाल मामले की जांच जारी है।

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