पुलवामा हमला: ‘शहीद अश्विनी ने कहा था- पिताजी, तिरंगे में लिपटकर आऊंगा’
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में शहीद जबलपुर के अश्विनी कुमार के पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए उनके पैतृक गांव सिहोरा में लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा है. लोग वहां 'भारत माता की जय' और 'अश्विनी कुमार अमर रहें' के नारे लगा रहे हैं.
शहीद अश्विनी के पिता सरकार से ईंट का जवाब पत्थर से देने की मांग कर रहे हैं. उनके पिता सुकरू प्रसाद कहते हैं, 'मेरा बेटा तो चला गया. लेकिन सरकार को थोड़ा आगे कार्रवाई करनी चाहिए. जैसा तुमने किया हमारे साथ वैसा ही करेंगे. ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए. सेना को बलिदान चढ़ा दिया और आप देख रहे हो. अरे हमारे चार गए तो तुम्हारे दस लो.'
शहीद बेटे को याद करते हुए पिता कहते हैं, 'अश्वनी सेना में गया तो मैंने कहा था कि अपना धर्म निभाना, पीठ मत दिखाना. वो कहता था कि पिताजी मैं आऊंगा तो तिरंगे में लिपटकर आऊंगा और वो झंडे में लिपटकर आया.'
अश्विनी का मां कौशल्या का रो-रोकर बुरा हाल है. अश्विनी के भाई सुमंत लाल का कहना है, भाई से बहन के देवर की शादी में बात हुई और उसने बताया कि भैया मैं जम्मू जा रहा हूं.'
उनके भाई रोते हुए शिकायत भी करते हैं कि मेरे अश्वनी कुमार में ही नहीं इस देश के हर जवान में जज़्बा है कि देश की सेवा करे, लेकिन सरकार में ये नहीं है. सरकार देश को जवानों को भर्ती करती है, बलिदान देने के लिए. उसका निराकरण निकालने के लिए नहीं.'
वहीं शहीद अश्विनी के गांव खुड़ावल में लोग अश्विनी के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस गांव के करीब 40 लोग सेना में हैं, यह शहीदों का गांव है. हम अश्विनी की शहादत को सलाम करते हैं.