पुलवामा: तो क्या आत्मघाती हमलावर ने पत्थर खदान में छिपा रखे थे विस्फोटक?

 
श्रीनगर 

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले के बाद से सबसे बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि हमले में यूज किया गया विस्फोटक आया कहां से? इस मामले में इंटेलिजेंस एजेंसियों के शक की सुई पत्थर के खदानों की तरफ जा रही है। अब दक्षिणी कश्मीर के उन खदानों की लिस्ट तैयार की जा रही है, जो पिछले कुछ समय में बंद हो चुकी हैं।  
 
14 फरवरी को पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां का यह मानना था कि जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने पाकिस्तान से ही साथ में लाए मिलिट्री ग्रेड RDX को आईईडी ब्लास्ट में यूज किया होगा। लेकिन शक की सुई अब स्थानीय खदानों की तरफ घूम रही है। एजेंसियों का मानना है कि आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने इनमें से ही किसी खदान में विस्फोटक छिपाया होगा। 
 
दक्षिणी कश्मीर में करीब 30 पत्थर की खदान 
दक्षिणी कश्मीर में करीब 30 पत्थर की खदान हैं। पुलवामा, अनंतनाग, शोपियां में मौजूद इन खदानों में कई बार सीमा पार से अवैध तरीके से लाए गए विस्फोटकों और डिटोनेटर्स का इस्तेमाल होता है। ऐसी आशंका है कि आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने ऐसी ही किसी खदान में विस्फोटक को छुपाया होगा। हमारे सहयोगी टीओआई के पास मौजूद जानकारी के अनुसार एजेंसियां, घाटी में मौजूद ऐसी खदानों के साथ ही कीटनाशक और फर्टिलाइजर की दुकानों की जानकारी जुटाने के काम में लग गई हैं। 
 

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