असम में बन रहा देश का सबसे बड़ा डिटेंशन सेंटर विदेशी कैदियों के लिए 

 गुवाहाटी
असम के गोलपरा जिले में अगले साल से देश का सबसे बड़ा डिटेंशन सेंटर शुरू हो जाएगा। इस डिटेंशन सेंटर में विदेशी अपराधियों और उन लोगों को रखा जाएगा, जिन्हें ट्राइब्यूनल्स ने विदेशी घोषित किया हो। पिछले साल जून में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुवाहाटी से 124 किमी दूर मटिया में 20 बीघा जमीन पर 46.5 करोड़ की लागत के इस सेंटर को मंजूरी दी थी। इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। इस सेंटर में 3000 लोगों को रखा जा सकेगा।

हर राज्य में एक कैंप
इसी साल मई में गोवा में भी एक डिटेंशन सेंटर खोला गया था। साल 2014 में केंद्र ने सभी राज्यों से एक डिटेंशन सेंटर/होल्डिंग सेंटर/कैंप खोलने के लिए कहा था जिनमें ऐसे लोगों को रखा जा सके जो अवैध पलायन करके आए हों, विदेशी नागरिक जो डिपोर्टेशन या नागरिकता न मालूम होने पर अपने देश भेजे जाने का इंतजार कर रहे हों। इन सेंटर्स को खोले जाने के पीछे यह मकसद था कि जेल में बंद अपराधियों से उन लोगों को को अलग किया जा सके जो विदेशी हैं।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने विदेशियों के डिटेंशन की सीमा 3 साल तय की थी। यह सीमा खत्म होने के बाद ये लोग दो भारतीय नागरिकों की ओर से एक लाख रुपये का बॉन्ड देने के बाद जमानत ले सकेंगे। इन्हें अपना रिहायशी पता और बायोमेट्रिक डीटेल्स भी देने होंगे।
 

NRC से संबंध नहीं
असम के गृह आयुक्त और सचिव आशुतोष अग्निहोत्री ने बताया है कि गोलपरा डिटेंशन सेंटर को राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) की फाइनल लिस्ट से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने साफ किया है कि जिन लोगों का नाम फाइनल लिस्ट में नहीं था, वे विदेशी नहीं हैं। वे फॉरनर्स ट्राइब्यूनल में अपील कर सकते हैं। हालांकि, उन्होंने आगे की नीति नहीं पता होने की बात की।

दूसरे कैंप्स से लाए जाएंगे कैदी
उन्होंने आगे कहा, 'मटिया कैंप विदेशी अपराधियों के अलावा सिर्फ उन लोगों के लिए है जिन्हें विदेशी घोषित कर दिया गया है और जो मौजूदा 6 डिटेंशन कैंप्स में हैं। कैंप तैयार हो जाएगा, तो इन लोगों को यहां शिफ्ट कर दिया जाएगा।' मौजू्दा 6 डिटेंशन कैंप्स में 1136 लोग हैं। ये कैंप कोकराझार, गोलपरा, जोरहाट, तेजपुर, डिब्रूगढ़ और सिलचर में हैं।

होंगी सुविधाएं भी
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पिछले महीने 6 कैदियों को तीन साल हिरासत में रहने के बाद रिहा कर दिया गया था। वहीं, बीमारियों के चलते 25 कैदियों की मौत हो चुकी है। केंद्र ने एक मैन्युअल भी तैयार की है जो डिटेंशन सेंटर की हेल्प डेस्क पर होगी। इसकी मदद से कैदी ऐंबेसी, कॉन्सुलेट या दूसरे अधिकारियों या अपने परिवारों से संपर्क कर सकेंगे। इसके अलावा एक कौशल विकास केंद्र और बच्चों के लिए क्रेश भी होगा। ये सब एक हाई लेवल सिक्यॉरिटी परिसर के अंदर मौजूद होगा।
 

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