पुरुषों के ‘गे’ होने के कारण तलाशेगी केजीएमयू की टीम

 लखनऊ
पुरुषों के समलैंगिक यानी ‘गे’ होने के बारे में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) का कम्युनिटी मेडिसिन विभाग रिसर्च करेगा। दरअसल, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने नैशनल एड्स रिसर्च इंस्टिट्यूट (नारी) को इस मुद्दे पर रिसर्च करने को कहा है, जिसके बाद नारी ने यह काम कम्युनिटी मेडिसिन विभाग को सौंपा है। इसके तहत यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि पुरुष गे क्यों हो जाते हैं या ऐसे कौन से कारण हैं, जो उन्हें समलैंगिक बनने पर मजबूर कर देते हैं। 
 
रिसर्च के लिए कम्युनिटी मेडिसिन विभाग में स्कॉलरों की टीम भी बना दी गई है। इसमें विभाग के डॉ. शिवेद्र कुमार सिंह सहित कई स्कॉलर शामिल किए गए हैं और यह रिसर्च विभाग के हेड उदय मोहन के निर्देशन में होगी। इस स्टडी में शहर और ग्रामीण दोनों परिवेश को शामिल करना है। टीम में शामिल डॉ. शिवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अर्बन स्टडी के लिए लखनऊ को चुना गया है, जबकि ग्रामीण परिवेश की स्टडी के लिए बाराबंकी को चुना गया है। कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के हेड प्रो. उदय मोहन ने कहा, 'यह स्टडी सामाजिक बदलाव की दृष्टि से अहम है। चार से पांच महीने हमारी टीम काम करेगी, जिसकी रिपोर्ट हम NARI को भेजेंगे।' 

सुप्रीम कोर्ट ने दी वैधता 
डॉ. शिवेंद्र ने बताया कि पहले इस तरह के संबंध गैरकानूनी थे, लेकिन पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इसे वैध करार दिया है। ऐसे में यह रिसर्च इस कम्युनिटी को समाज की मुख्यधारा में लाने में अहम भूमिका निभा सकती है। 
 

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